राफेल डील मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए कुछ और अहम जानकारियां सरकार से मांगी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बंद लिफाफे में सरकार से 10 दिनों के भीतर सौदे की कीमत और इंडियन ऑफसेट पार्टनर के बारे में जानकारी मांगी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार हलफनामे में चाहे तो बात सकती है कि वो कीमत नही बताएंगे. इस मामले में अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार ने जिन सूचनाओं को उपलब्‍ध कराया है उन्‍हें वैध तरीके से पब्लिक डोमेन में लाया जाना चाहिए. हालांकि इंडियन ऑफसेट पार्टनर के बारे में जानकारी गोपनीय रखी जाएगी सुरक्षा कारणों से उसे सीलबंद लिफाफे में दिया जाए.

बता दें 27 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने सीलबंद लिफाफे में राफेल के खरीद की प्रक्रिया के कागजात सुप्रीम कोर्ट में जमा किए थे. प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ इस मामले में बुधवार को चार याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से अधिक जानकारी मांगी है. ये याचिकाएं वकील एम एल शर्मा और विनीत ढांडा के अलावा आप सांसद संजय सिंह और प्रशांत भूषण, अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा ने दाखिल की थी.

वहीं राफेल डील में लड़ाकू विमान की कीमतों को लेकर विपक्ष द्वारा सरकार पर गंभीर आरोप लगाया जा रहा है और इसी के तहत मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. इस मामले से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गत 10 तारीख को केंद्र सरकार से सीलबंद लिफाफे में उस फैसले की प्रक्रिया की जानकारी देने को कहा था, जिसके बाद राफेल जेट की खरीद को लेकर फ्रांस की कंपनी डासो एविएशन से डील हुई.

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