थाईलैंड मे प्रदर्शनकारी देश को और अधिक लोकतांत्रिक बनाने के लिए संविधान में संशोधन करने की मांग कर रहे है और 2015 में सैन्य तख्तापलट के जरिए सत्ता में आए प्रधानमंत्री प्रथुच चान-ओघा का इस्तीफ़ा चाहते है।प्रदर्शनकारियों ने शाही परिवार की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने और राजशाही पर चर्चा करने वाले कानूनों पर सवाल उठाने के बारे में लंबे समय से चली आ रही वर्जनाओं को तोड़ा है।
राजधानी में आपातकाल की स्थिति और 50 से अधिक नेताओं की गिरफ़्तारी के बाद भी आंदोलन के साथ ज्यादातर छात्र-नेतृत्व वाले प्रदर्शनकारियों को दैनिक प्रदर्शनों के लिए बुलाने में विफल रहे हैं जब तक कि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है वो यह प्रदर्शन जारी रखेंगे।अगले दो हफ़्तों में दैनिक विरोध प्रदर्शन में कमी हो सकती है क्योंकि की पुलिस द्वारा नेताओं को गिरफ्तार किया जा सकता है और प्रर्दशनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने मे लोगो को थकान हो सकती है तो इस कारण वर्ष प्रदर्शनकारी इस आयोजन को साप्ताहिक या द्विवार्षिक रूप से बड़ी सभाओं को आयोजित करने के लिए बदल सकते हैं, हालांकि आंदोलन की गति ऑनलाइन रहेगी।”
सरकार द्वारा आपातकाल की स्थिति घोषित करने और थाईलैंड में सार्वजनिक परिवहन बंद करने के बावजूद रविवार को प्रदर्शनकारी फिर से सड़कों पर उतर आए।
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