गुजरात विधान सभा चुनावों से पहले कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों ने ज्यादा से ज्यादा वोट हासिल करने के लिए अपनी एड़ी छोटी का जोर लगा दिया था. बता दें कि इन चुनावों के नतीजे आते ही भाजपा की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था क्योंकि चुनाव में भाजपा की ही जीत हुई थी.
लेकिन चुनावों के नतीजे आते ही ईवीएम् पर सवाल उठने लगे. ईवीएम आज का मुद्दा नहीं है यह काफी लम्बे समय से चला आ रहा है. अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में हुए निकाय चुनावों में भी अखिलेश यादव और मायावती ने ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया था जिसपर भाजपा ने मौन साध रखा है.
बता दें कि गुजरात के सूरत में विधानसभा चुनाव के नतीजों में ईवीएम की गड़बड़ी को ज़िम्मेदार ठहराते हुए भारी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया है. इस प्रदर्शन के दौरान लोग सड़कों पर उतर आये और जमकर विरोध भी किया. इस प्रदर्शन के दौरान लोगों ने अपने हाथ में पोस्टर भी लिए हुए थे जिनपर लिखा था कि ‘वोट चोरी बंद करो’ और ‘ईवीएम हटाओ लोकतंत्र बचाओ’ जैसी बातें लिखी हुई थी.
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लगातार पूरे देश में जगह जगह ईवीएम का बहिष्कार कर बैलेट पेपर से वोट करवाने की मांग की जा रही है इसके बाद भी सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है. लगातार ईवीएम पर उठ रहे सवालों से अब लोगों को भी सरकार की मंशा पर शक होने लगा है.