पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भ्रष्टाचारी नंबर एक बोलने के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई है। राजीव गांधी की बेटी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अब पीएम मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हरियाणा के अम्बाला में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अहंकारी हैं, उनके अंदर घमंड कूट-कूटकर भरा है। कांग्रेस महासचिव ने पीएम मोदी की तुलना दुर्योधन से की।
उन्होंने कहा कि इस देश ने कभी अहंकार और घमंड को माफ नहीं किया। उन्होंने कहा, “इतिहास इसका गवाह है, महाभारत इसका गवाह है। ऐसा अहंकार दुर्योधन में भी था। दुर्योधन को जब सच्चाई दिखाने के लिए भगवान कृष्ण उन्हें समझाने के लिए गए। तो कृष्ण जी को भी उन्होंने बंधक बनाने की कोशिश की। इसी अहंकार पर राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की कुछ पंक्तियां हैं।
प्रियंका ने कहा कि देश का ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है लेकिन देश ने कभी अहंकार करने वाले को माफ नहीं किया है। इतिहास इसका गवाह है, महाभारत में भी जब श्रीकृष्ण दुर्योधन को समझाने गए थे तो दुर्योधन ने उन्हें ही बंदी बनाने की कोशिश की थी। प्रियंका ने इसी पर रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता सुनाई, ‘जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है, हरि ने भीषण हुंकार किया, अपना स्वरूप-विस्तार किया, डगमग-डगमग दिग्गज डोले, भगवान कुपित होकर बोले-जंजीर बढ़ा कर साध मुझे, हां, हां दुर्योधन! बांध मुझे।
#WATCH Priyanka Gandhi:Desh ne ahankaar ko kabhi maaf nahi kiya,aisa ahankaar Duryodhan mein bhi tha,jab Bhagwan Krishna unhe samjhane gaye to unko bhi Duryodhan ne bandhak banane ki koshish ki.Dinkar ji ki panktiyan hain,’Jab naash manuj par chaata hai,pehle vivek mar jata hai.. pic.twitter.com/lfMrgCEnHZ
— ANI (@ANI) May 7, 2019
कांग्रेस महासचिव ने कहा, “अपनी समस्याओं को लेकर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा समेत पूरे देश से हजारों किसान पैदल चलकर दिल्ली पहुंचे थे, लेकिन पीएम मोदी ने उन्हें एक मिनट का वक्त तक नहीं दिया। हरियाणा में गन्ना किसानों का बकाया है, किसान परेशान हैं।”
प्रियंका गांधी नो कहा, “प्रधानमंत्री की सच्चाई यह कि वे पाकिस्तान और चीन जाते हैं नेताओं से गले मिलते हैं। लेकिन देश के गरीबों और किसानों से मिलने के लिए उनके पास एक मिनट का वक्त नहीं है। वे गांवों में लोगों से मिलने नहीं जाते उनसे बात हनीं करते।”
प्रियंका गांधी ने कहा, “चुनाव प्रचार में बीजेपी के नेता कभी यह नहीं कहते कि उन्होंने जो वादे किए थे वो पूरे किए या नहीं। कभी शहीदों के नाम पर वोट मांगते हैं तो कभी मेरे परिवार के शहीद सदस्यों का अपमान करते हैं, लेकिन वे आपकी जरूरतों की बात नहीं करते। यह चुनाव किसी परिवार के बारे में नहीं। यह चुनव उन करोड़ों परिवारों के बारे में है। जिनकी उम्मीदें, जिनकी आशाएं इस सरकार और इस प्रधानमंत्री ने पूरी तरह से तोड़ डाली हैं। यह चुनाव बीजेपी की केंद्र सरकार की उपलब्धियों के बारे में है। ये अपनी नाकामी छिपाने के लिए देश का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।”
कांग्रेस महासचिव ने कहा, “देश की जनता में बहुत विवेक है, यह विवेक नया नहीं है, यह सदियों पुराना विवेक है। इस देश की जनात को आप गुमराह नहीं कर सकते हैं। देश की जनता नेताओं से जवाबदेही मांगती और मांगेगी। कांग्रेस पार्टी मुद्दों पर चुनाव लड़ रही है।”
प्रियंका गांधी ने कहा, “आज देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती नौजवानों के लिए रोजगार पैदा करना, किसानों का विकास करना, महिलाओं को सुरक्षित रखकर उनका विकास करवाना है। 2014 में जब बीजेपी की सरकार बनी, बहुत उम्मीदें थी, आशाएं थीं। आपके सामने बड़े प्रचार किए गए। नौवजवानों से हर साल 2 करोड़ रोजगार का वादा किया गया था। पिछले दो सालों में लाखों लोग बेरोजगार हो गए। रोजगार देने की बजाय इनके शासन में लोगों ने रोजगार को खो दिया। मनरेगा को बीजेपी की सरकार ने कमजोर करने का काम किया है। मनरेगा में लोगों को काम देने की बजाय मशीनों से काम कराया जा रहा है।
प्रियंका गांधी ने मंच से नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “नोटबंदी के जरिए कालाधन लाने की बात की थी। लेकिन एक रुपया नहीं आया। नोटंबी के दौरान आप लाइन में लगे। उन्होंने देशभक्ति की बात सिर्फ लोगों तक सिमित रखी। आम लोगों के अलावा कोई दूसार नोटबंदी के दौरान लाइन में नहीं लगा।”
कांग्रेस महासचिव ने कहा ने कहा, “जब लोगों की शहरों में नौकरियां चली गईं तो वे गांव में आए, लेकिन मनरेगा के तहत उन्हें गांवों में भी काम नहीं मिला। इनके शासन में 24 लाख सरकारी पद खाली रहे, लेकिन भरा नहीं। इन्होंने किसानों से बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन इनकी सरकार ने किसनों को कुछ नहीं दिया, उन्हें फसलों के दाम नहीं मिलते। किसान आवारा पशुओं से परेशान हैं और इनकी सरकार मुंह देख रही है।”