pmफर्जी कंपनी के सहारे लोगों को लालच देकर ठगी करने का धंधा आज भी बिहार में खूब फल-फूल रहा है. सरकार के लाख प्रयास के बाद भी चिटफंड के नाम पर कंपनी बनाकर लोगों को झांसे देकर ठगने का कारोबार चल रहा है. लालच में लोग फंस भी रहें हैं. मामला जब फंसता है, तो लोग पुलिस-प्रशासन को कोसते हैं. जबकि ऐसे लोग खुद लालच में फंसते हैं. ऐसी ही एक कंपनी ने बिहार के गया जिला मुख्यालय में महिलाओं को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का लाभ देने और लोन दिलाने के नाम पर एक करोड़ से अधिक की राशि वसूल ली. इस राशि को वसूलकर मुख्य संचालक फरार हो गया जबकि इसके चार कर्मी गिरफ्तार हो गए. गिरफ्तार हुईं सात युवतियों को पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया.

गया जिला मुख्यालय में डेल्हा थाना क्षेत्र के संजय नगर में जीआईजी मल्टी सर्विसेज फाइनेंस नाम की कंपनी ने महिलाओं से हजार-हजार रुपए वसूले. महिलाओं को

आश्वासन दिया गया कि इसके बदले उन्हें 25 हजार का कर्ज मिलेगा और साथ ही प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का लाभ भी दिलाया जाएगा. महिलाओं के करीब पांच सौ से अधिक स्वयं सहायता समूह इस कंपनी के झांसे में आ गए. शुरुआती जांच में पता चला है कि उस कम्पनी ने महिलाओं से एक करोड़ से अधिक की राशि जमा कराई थी. लेकिन जब उन्हें ऋृण देने की बारी आई, तो कम्पनी की तरफ से कोई न कोई बहाना बनाया जाने लगा. कई बार खाली हाथ लौटने के बाद कुछ महिलाएं ऋृण सहित पैसे लेने के लिए अड़ गईं. तब कम्पनी के संचालक ने उन्हें चेक थमा दिया. जब वे चेक लेकर बैंक पहुंचीं, तो पता चला कि चेक फर्जी है. जब महिलाएं आश्वास्त हो गईं कि उनके साथ फर्जीवाड़ा हुआ है, तो 6 नवम्बर को सभी महिलाओं ने एकसाथ उस कम्पनी के कार्यालय में पहुंचकर हंगामा किया. हंगामे की सूचना मिलने पर डेल्हा थाने की पुलिस वहां पहुंची. पुलिस ने जब पूरे मामले की जानकारी ली, तो ये भी पता चला कि वो कम्पनी अनुबंधित नहीं है. उसके बाद पुलिस द्वारा की गई छापेमारी में चार युवकों एवं सात युवतियों को हिरासत में लिया, जो सभी उस कम्पनी के कर्मचारी थे. लेकिन कम्पनी का मुख्य संचालक धर्मेन्द्र कुमार गिरफ्तार नहीं हो सका, वो फरार हो गया. गया शहर के धनिया बागीचा की मीना देवी ने कम्पनी पर महिलाओं को झासा देकर बड़ी राशि वसूलने का मामला दर्ज कराया है.

डेल्हा थानाध्यक्ष ने बताया कि जीआईजी मल्टी सर्विसेज फाईनेंस नाम की फर्जी कंपनी द्वारा महिलाओं को लोन और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का लाभ दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की वसूली की गई है. यह भी सूचना मिली है कि विभिन्न जगहों पर इस कंपनी के 52 अन्य सेंटर चल रहे हैं. हम उनके बारे में भी पता कर रहे हैं. इस फर्जीवाड़े का शिकार हुई धनिया बगीचा की संगीता कुमारी, निर्मला देवी, मीना देवी आदि ने चौथी दुनिया को बताया कि उस कम्पनी की तरफ से हमें फोन करके लोन और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत नौकरी दिलाले की बात कही गई. हम चूंकि जरुरतमंद हैं, इसलिए हमने उनपर विश्वास कर लिया और पैसे जमा करा दिए. लेकिन जब समय पूरा होने पर हम पैसे लेने पहुंचे, तो हमें बरगलाया जाने लगा. फिर हमने हो-हल्ला किया और पुलिस में मामला पहुंचा.

गौरतलब है कि शहर के स्लम एरिया या ग्रामीण क्षेत्रों में कई संगठनों द्वारा स्वयं सहायता समूहों का गठन कर इन्हें बैंकों से रोजगार के लिए ऋृण उपलब्ध कराने का काम किया जाता है. इससे बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार भी मिलता है. लेकिन कुछ लोग अनपढ़ और भोलीभाली महिलाओं को ऋृण, रोजगार या फायदे का झांसा देकर ठगी करने का काम करते हैं. अनपढ़ महिलाएं ऐसे लोंगों के झासें मे आकर फर्जीवाड़े का शिकार हो जाती हैं. पिछले दो दशक में गया शहर में ही दो दर्जन से अधिक ननबैंकिंग तथा फर्जी फाइनेंस कंपनियां गरीब महिलाओं के करोड़ों रुपए लेकर भाग चुकी हैं. इनसे जुड़े केस पुलिस में भी दर्ज हैं, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो पाया है. इसके बाद भी ठगी करने का धंधा बदस्तुर जारी है.

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