उत्तर प्रदेश में एक बार फिर ईवीएम को ले कर बवाल मचा, मौका था नगर निकाय चुनाव का. मतदाताओं समेत कई राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया कि ईवीएम में अन्य दलों का बटन दबाने पर भी भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल की लाइट जल रही है. जब बवाल बढ़ा, तब न सिर्फ पीठासीन अधिकारी को हटाया गया, बल्कि ईवीएम मशीन भी बदले गए. मेरठ, आगरा, कानपुर और गोरखपुर समेत कई जगहों से इस तरह की खबरें आईं. यूपी नगर निकाय चुनाव के पहले चरण के लिए 22 नवंबर को राज्य के 24 जनपदों के 4095 वार्डों में मतदान हुए. इस चुनाव के दौरान कई जगहों से ईवीएम ख़राब होने और वोटर लिस्ट में नाम होने की शिकायतें भी आईं. अयोध्या के कटरा मतदान केंद्र पर मारपीट का मामला सामने आया. कानपुर जिले के नौबस्ता थाना इलाके के बूथ संख्या 66 पर ईवीएम मशीन खराब होने की वजह से मतदाताओं ने हंगामा किया.
लोगों का आरोप था कि बटन कोई भी दबाओ वोट कमल को ही जा रहा है. इसके बाद लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर, नारेबाजी शुरू कर दी. कानपुर में वोटिंग मशीन में गड़बड़ी को लेकर काफी घमासान हुआ. वार्ड नंबर 66 पर ईवीएम में खराबी की शिकायत के बाद वोटरों ने जमकर बवाल काटा. नौबस्ता के पशुपतिनगर इलाके में आक्रोशित भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करनी पड़ी. वहीं मशीनों में खराबी के अलावा किसी भी पार्टी का बटन दबाने पर भाजपा को वोट जाने की शिकायत भी लोगों ने की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कानपुर के चकेरी क्षेत्र के वार्ड संख्या 58 में वोटिंग करने पहुंचे मतदाताओं ने जमकर हंगामा किया. उनका आरोप था कि ईवीएम में किसी भी पार्टी का बटन दबाने पर वोट भाजपा को ही जा रहा है. ईवीएम में खराबी के चलते कई जगह वोटिंग भी रोकनी पड़ी. रावतपुर इलाके के मॉडल स्कूल में ईवीएम खराब होने के कारण कई घंटों तक वोटिंग रुकी रही.
मेरठ के वॉर्ड नंबर 89 में मतदान के दौरान बसपा ने गड़बड़ी का आरोप लगाया. आरोपों के बाद वोटिंग रुकवा दी गई, यहां तक कि ईवीएम को भी बदलना पड़ा. यहां जाकिर कॉलोनी के वार्ड 85 में बूथ संख्या 243 की भी ईवीएम खराब हो गई. यहां भी लोगों ने शिकायत की कि कोई भी बटन दबाने पर एक ही पार्टी को वोट जा रहा है. आगरा में भी मतदान केन्द्रों पर अव्यवस्थाओं के कारण मतदाताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. आगरा के कुछ बूथों पर तो पहला वोट डालने आए मतदाता 2 घंटे बाद अपना वोट डाल पाए. वहीं लिस्ट से कई मतदताओं के नाम ही गायब थे. डॉ. मारिया पब्लिक स्कूल, बूथ नम्बर 911 राज पब्लिक हजजोपुरा, बूथ नम्बर 422 पृथ्वीनाथ, बूथ 106 एमएम गेट नगर निगम स्कूल खटीकपाड़ा और केदार नगर में कई घंटों तक ईवीएम खराब रहा. आगरा के चुनार इलाके के बूथ नम्बर-12 पर भी मतदान में गड़बड़ी को लेकर काफी विवाद हुआ.
इन तमाम गड़बड़ियों को लेकर सोशल मीडिया में वीडियो वायरल हुए, जिनमें दिखाया गया था कि हाथी के निशान के सामने वाला बटन दबाने पर कमल के निशान के आगे वाली लाइट जली. इसके बाद चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी थी, लेकिन वोट भाजपा को नहीं गया. इस वीडियो के वायरल होने के बाद महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार और भाजपा पर सवाल उठाए. शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा गया कि यूपी निकाय चुनाव में कई जगहों पर कोई भी बटन दबाने पर वोट भाजपा को ही गया. सामना में सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा गया कि जब सीएम योगी ईवीएम स्पर्श कर मतदान कर बाहर आते हैं, तब ऐसा दावा करते हैं जैसे भगवान के चरणस्पर्श कर आशीर्वाद लेकर लौटे हों और दावे के साथ कहते हैं कि जितेगी तो भाजपा ही. इस मामले में कांग्रेस ने भी भाजपा पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप भाजपा पर ही क्यों लगते हैं, क्यों शिकायत में ये आता है कि बटन दबाने पर वोट भाजपा को ही जाता है? क्या इस बार भी आरोपों पर भाजपा चुप्पी साधे रहेगी? कांग्रेस ने एक रिटायर्ड जज की निगरानी में ऐसे मामलों और ईवीएम की जांच कराने की मांग की है.
गौरतलब है कि ईवीएम मशीन में गड़बड़ी का मुद्दा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी उठा था. यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद ईवीएम मशीनों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठे थे. बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस ने आरोप लगाए थे कि विधानसभा चुनाव में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई. हालांकि इसके बाद चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों को यह साबित करने के लिए आमंत्रित किया कि ईवीएम से कैसे छेड़छाड़ हो सकती है? लेकिन कोई भी पार्टी छेड़छाड़ का डेमो देने नहीं आई. उसी के बाद फैसला हुआ कि गुजरात चुनाव में वीवीपैट का इस्तेमाल होगा. अब देखना यह है कि गुजरात चुनाव में इस तरह की शिकायतें आती हैं या नहीं.