भाजपा और पीडीपी के गठबंधन वाली सरकार गिरने के 24 घंटे के भीतर ही जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगा दिया गया है. सरकार गिरने के बाद मंगलवार शाम राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य में राज्यपाल शासन लगाने के लिए राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजी थी. उसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार सुबह राज्य में तत्काल प्रभाव से राज्यपाल शासन लागू करने की मंजूरी दे दी. गौरतलब है कि भाजपा ने मंगलवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी से गठबंधन तोड़कर महबूबा मुफ्ती सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. उसके बाद कांग्रेस और पीडीपी ने एकदूसरे के साथ गठबंधन की संभावना से इनकार किया, फिर नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने भी किसी गठबंधन के जरिए संभावना बनाने से मना कर दिया.
सरकार गिरने से पहले भाजपा द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में राम माधव ने कहा था कि घाटी में आतंकवाद, कट्टरपंथ और हिंसा बढ़ रही है. ऐसे माहौल में सरकार में रहना मुश्किल था. रमजान के दौरान केंद्र ने शांति के मकसद से ऑपरेशंस रुकवाए. लेकिन बदले में शांति नहीं मिली. उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर क्षेत्र के बीच सरकार के भेदभाव के कारण भी हम गठबंधन में नहीं रह सकते थे. ऐसी खबरें भी आई थीं कि रमजान के दौरान आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन रोकने को लेकर भाजपा-पीडीपी में मतभेद थे. पीडीपी हुर्रियत समेत सभी अलगाववादियों से बातचीत चाहती थी, लेकिन भाजपा इसके पक्ष में नहीं थी.
पिछले 10 साल में चौथी बार राज्य में राज्यपाल शासन लगा है. सबसे पहले 1977 में राज्य में ऐसी नौबत आई थी, जब कांग्रेस ने समर्थन वापस लेकर अब्दुल्ला सरकार गिराई थी. वर्तमान समय में लगा राज्यपाल शासन कब तक चलेगा इसके बारे में अभी तो कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन राज्यपाल वोहरा का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है. हालांकि ऐसी खबरें हैं कि वे अमरनाथ यात्रा खत्म होने तक गवर्नर बने रह सकते हैं. अमरनाथ यात्रा 28 जून से 26 अगस्त तक चलेगी.