पूर्वी दिल्ली के मंडावली में तीन मासूम बच्चियों की मौत भूख की वजह से हुई थी. दूसरे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी मौत की वजह भुखमरी ही बताई गई है. दूसरा पोस्टमॉर्टम जीटीबी अस्पताल में कराया गया. लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में कराए गए पहले पोस्टमॉर्टम में भी मौत की वजह भूख बताई गई थी. उनके शरीर में अन्न का एक दाना भी नहीं मिला था. यह घटना शर्मसार करने वाली है.
भूख से तीन बच्चियों की मौत पर सियासत भी शुरू हो गई है. गौरतलब है कि आठ साल की मानसी, चार साल की शिखा और दो साल की पारुल का शव बरामद हुआ था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि तीनों की मौत मंगलवार को हुई और मौत की वजह है कुपोषण. बच्चियों के शव के पोस्टमार्टम में, खाने का एक भी अंश नहीं मिला. डॉक्टरों के मुताबिक, उन्हें सात-आठ दिन से खाना नहीं मिला था.
इन बच्चियों की मां वीणा की हालत मानसिक रूप से ठीक नहीं है. उसके मुताबिक, बच्चियों को कई दिन से उल्टियां आ रही थीं, इसलिए खाना नहीं दिया. वीणा ने बताया कि उन्होंने (बच्चियों) कई दिन से खाना नहीं खाया था. उनको उल्टी और खांसी हो रही थी. बच्चियों के पिता मंगल सिंह बचपन में दिल्ली के होटलों में बर्तन धोते थे, फिर मजदूरी करने लगे. वे कुछ सालों से रिक्शा चला रहे थे.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने ट्वीट कर कहा है कि ये घटना डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के इलाके में हुई है. आम आदमी पार्टी की सरकार में आज भी आम आदमी की भूख के कारण मौत हो रही है. शर्म करो. मनोज तिवारी भी आज पीड़ित परिवार से मिलने मंडावली भी गए उन्होंने पीड़ित परिवार को 50 हज़ार रुपये की मदद देने का ऐलान किया है, जिसमे से 10 हज़ार रुपये कैश दिए.
इस घटना को लेकर कई सामाजिक संगठन सरकार से बेहद नाराज हैं. संसद से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ऐसा हुआ. सरकार को शर्म आनी चाहिए. हर जिले में चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी होती है जो बच्चों की पढ़ाई, पोषण और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखती है. वो क्या कर रही है? यह घटना बेहद शर्मनाक है.”