चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के अवसर पर बिहार में कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. केन्द्र सरकार, बिहार सरकार, विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों सहित मीडिया संगठनों द्वारा इस मौके पर आयोजन हो रहे हैं. विगत 13 अप्रैल से एक सप्ताह तक केन्द्र सरकार द्वारा स्थानीय सांसद सह केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह के नेतृत्व में शानदार कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 17 अप्रैल को चन्द्रहियां से मोतिहारी गांधी उद्यान तक 9 किलोमीटर की पदयात्रा की. बिहार सरकार ने गांधी जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए फिल्म पैनोरोमा के तहत बिहार के सभी शहरों में गांधी जी से संबंधित फिल्मों का प्रदर्शन किया.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में दो दिवसीय सेमिनार आयोजित कर राष्ट्रीय समस्याओं का निदान ढूंढने की कोशिश की. उक्त सेमिनार में गांधीवादियों एवं चिंतकों ने भी हिस्सा लिया. वहीं 8 से 9 जुलाई तक चम्पारण प्रेस क्लब द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश-विदेश के पत्रकार भाग लेंगे. वहीं प्रमुख वक्ता के रूप में प्रख्यात पत्रकार संतोष भारतीय, एएनआई के प्रमुख ओंकारेश्वर पाण्डेय, डीयू के आचार्य और प्रख्यात विचारक आनन्दवर्धन जैसे महान चिंतक, लेखक और पत्रकार होंगे. गांधी जी के सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के मौके पर देश-दुनिया के थिंक-टैंक कहे जाने वालेे लोगों द्वारा विश्व शांति और महात्मा गांधी विषय पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
सत्याग्रह शताब्दी समारोह के अवसर पर योग गुरु बाबा रामदेव तीन दिन के प्रवास पर 7 जून को मोतिहारी पहुंचे थे. 8 से 10 जून तक मोतिहारी के गांधी मैदान में उन्होंने योग शिविर का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने चन्द्रहियां स्थित गांधी आश्रम में ग्रामीणों के एक सभा को भी सम्बोधित किया. वहीं दूसरे दिन पीपरा कोठी स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र में किसानों की एक सभा को भी सम्बोधित किया.
बाबा रामदेव का चम्पारण प्रवास कई मायनों में लोगों को एक सुखद अहसास दे गया. एक विशेष भेंट में बाबा रामदेव ने कहा कि महात्मा गांधी स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग की बात कहते थे. इसके मूल में आर्थिक और सामाजिक कारण था. देश को समृद्ध बनाने के लिए स्वदेशी अपनाना होगा. उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी के स्वदेशी की आज और भी जरूरत है. उन्होंने बताया कि विदेशी कम्पनियां भारत में पचास लाख करोड़ का व्यवसाय कर रही हैं.
विदेशी कम्पनियां देश का अर्थ बाहर ले जा रही हैं और हम अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने की बात करते हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार पर 15 लाख करोड़ के व्यवसाय पर केवल चीन का कब्जा है. चीन भारत से पैसा कमाकर ले जाता है और उसी पैसे से पाकिस्तान के आतंकवादियों को भारत के खिलाफ फंडिंग करता है.
बाबा रामदेव ने कहा कि स्वदेशी अपना कर ही देश आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सकेगा. उन्होंने कहा कि योग मेरा धर्म है, पर राष्ट्रधर्म से पीछे नहीं रहूंगा. स्वदेशी और देशी चिकित्सा के लिए पतंजलि काम कर रहा है. गर्व से कह सकता हूं कि देशवासियों का इतना समर्थन मिला कि केवल एक विदेशी कम्पनी को छोड़कर सभी को पतंजलि ने पछाड़ दिया है और आने वाले एक साल में पतंजलि सबसे आगे होगा. उन्होंने कहा कि देश को आजादी तो मिल गई पर आर्थिक आजादी नहीं मिल सकी. देश को एक ईस्ट इंडिया कम्पनी ने गुलाम बना लिया था, जबकि आज सैकड़ों विदेशी कम्पनियों ने पूरे देश पर कब्जा जमा रखा है.
चम्पारण लीची उत्पादन में सबसे आगे है और यहां का लीची सबसे ज्यादा सुस्वादु होता है. चम्पारण प्रवास के दौरान बाबा रामदेव ने चम्पारण में एक लीची प्रशोधन उद्योग लगाने का ऐलान किया. वहीं स्थानीय किसानों ने बाबा रामदेव से चीनी मिल लगाने की मांग की क्योंकि चम्पारण में गन्ना का उत्पादन सबसे ज्यादा होता था. चीनी मिलों के बंद हो जाने से किसानों ने गन्ना उत्पादन बंद कर दिया. गन्ना उत्पादन बंद हो जाने से चम्पारण के किसानों की आर्थिक स्थिति भी चरमरा गई. पीपरा कोठी स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र में आयोजित किसानों की सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसान गन्ना का उत्पादन करें और उससे ग़ुड बनाएं. पतंजलि सभी किसानों का गुड़ खरीद लेगी.
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सह स्थानीय सांसद राधामोहन सिंह के बुलावे पर बाबा रामदेव चम्पारण आए थे. तीन दिवसीय योग शिविर में मंत्री राधामोहन सिंह भी साथ थे. इसके कारण विरोधियों ने उनपर जमकर निशाना भी साधा. विरोधी दल के लोगों ने इसे भाजपा का कार्यक्रम बताया. विरोधी खेमे में राजद और कांग्रेस ने कहा कि बाबा रामदेव यहां अपना व्यवसाय करने आए हैं. वहीं केन्द्र की किसान विरोधी सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया है. ऐसे में बाबा रामदेव की घोषणा अपनी नाकामी छुपाने का प्रयास है.
वहीं जब राधा मोहन सिंह चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के मौके पर बाबा रामदेव के साथ मोतिहारी के कार्यक्रम में भाग ले रहे थे, तब मध्यप्रदेश में आक्रोशित किसानों पर पुलिस फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी. घटना के बाद कृषि मंत्री विपक्ष और मीडिया के निशाने पर आ गए. दूसरे दिन मंत्री श्री सिंह ने बयान दिया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में सबसे ज्यादा काम किया है. वहां किसान आन्दोलन कर ही नहीं सकते, कुछ लोगों ने किसानों को भड़काकर हिंसा भड़काई है. उन्होंने सीधा कांग्रेस पर प्रहार किया.
इस मौके पर राधा मोहन सिंह ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि चारा खाने वाले एवं देश पर साठ साल तक राज करने वाले आज किसानों के हितैषी बनने का प्रयास कर रहे हैं. अगर कांग्रेस किसानों के हित के प्रति गंभीर रहती तो आज भारज का किसान सबसे खुशहाल होता. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों की चिंता कर रही है. किसानों के विकास के लिए तेजी से काम किया जा रहा है, लेकिन विरासत में मिली व्यवस्था को ठीक करने में समय लगता है. उन्होंने मध्यप्रदेश की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री किसानों के सबसे बड़े हितैषी हैं.
उन्होंने ऐसी व्यवस्था की है कि अगर कोई किसान कर्ज लेता है तो सरकार उसके कर्ज का भुगतान करेगी. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार केन्द्रीय योजनाओं पर ध्यान न देकर केवल शराबबंदी और दहेज उन्मूलन में जुटी है. भाजपा के साथ जब राज्य में सरकार का गठबंधन था तो पांच चीनी मिलें लगी थीं. अब स्थिति यह है कि चीनी मिल मालिक पर केस हुआ है, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हो रही है. उन्होंने इस मौके पर केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाए जा रहे योजनाओं की जानकारी भी दी.