ऐसा देखा गया है कि दिव्यांग जनों को मतदान केंद्रों तक आने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. उनके लिए मतदान केंद्रों पर सुविधाओं का भी अभाव होता है. उन्हें ऐसी कठिनाइयों से बचाने और उनके लिए मतदान को सहज बनाने के लिए चुनाव आयोग विचार कर रहा है. इसके लिए आयोग कुछ कदम उठा सकता है. शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए मतदान केंद्रों पर लाइन में खड़े होने में परेशानी होती है. इससे उन्हें बचाने के लिए आयोग कई वैकल्पिक माध्यमों पर विचार कर रहा है, जैसे- घर पर मतदान, पोस्टल वोट, मोबाइल पोलिंग स्टेशन और आने-जाने के लिए ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था आदि.
पिछले सप्ताह हुए चुनाव आयोग के राष्ट्रीय सम्मेलन में दिव्यांग जनों की मतदान में भागीदारी बढ़ाने के लिए कई उपायों पर चर्चा की गई. इस बैठक में समाज के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से सलाह ली गई, जिनमें राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि, सरकार के मंत्री, दिव्यांग विशेषज्ञ और सिविल सोसाइटी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए. इस बैठक में दिव्यांगों को विशेष सुविधा मुहैया कराने पर भी चर्चा हुई. हालांकि इन विशेष सुविधाओं के इस्तेमाल के लिए चुनाव आयोग को अपने नियमों में कुछ संशोधन करने होंगे. पिछले सप्ताह ही चुनाव आयोग ने इस दिशा में कुछ बड़ी घोषणाएं भी की है.
इनमें सबसे महत्वपूर्ण घोषणा थी, दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि की व्यवस्था. मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया था कि दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि वाले फोटो पहचान पत्र भी जारी किया गया है. इसके अनुसार, दिव्यांग मतदाताओं को चुनाव से पहले ब्रेल लिपि में ही मतदाता पर्ची भी मिलेगी. दिव्यांगों मतदाताओं के लिए विशिष्ट मतदान केंद्र बनाए जाने की योजना के बारे में बताते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि वृद्धाश्रम सहित ऐसे अन्य स्थानों पर विशिष्ट मतदान केंद्र बनाए जाएंगे, जहां पर्याप्त संख्या में दिव्यांगों की मौजूदगी हो. ऐसा करने से उन्हें सामान्य मतदान केंद्रो पर होने वाली परेशानियों से बचाया जा सकेगा.