अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने लिया संज्ञान, जानेंगे हालात

वक्फ दरगाह नाहर शाह वली के सालाना उर्स पर सियासी और प्रशासनिक छाया लहराई हुई है। उर्स कराने की होड़ में जहां बोर्ड प्रशासन ने जहां ताबड़तोड़ व्यवस्था में बदलाव कर दिया है, वहीं सियासत से जुड़े लोग अब स्थिति से असंतोष जताते नजर आ रहे हैं। मामले की शिकायत बोर्ड मुख्यालय से लेकर विभागीय मंत्री तक पहुंची है। जिसके बाद तय समय पर उर्स होने की हालात पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं।

इंदौर इस स्थित वक्फ की मौजूदा कमेटी को लेकर इसके वजूद में आने के वक्त से ही सियासत चल रही है। जिसको लेकर लगातार शिकायतों का सिलसिला चल रहा है। इन शिकायतों के आधार पर बोर्ड ने जुलाई २०२० में एक नोटिस जारी किया था। लेकिन इस नोटिस पर फैसला सात महीने बाद फ़रवरी में लिया गया है। बोर्ड ने दरगाह नाहर शाह वली कमेटी को बर्खास्त कर इसके लिए प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त कर दिया है।

अनियमितता की व्यवस्था

मप्र वक्फ बोर्ड द्वारा आनन फानन में बदली गई कमेटी व्यवस्था के बीच बोर्ड ने कई गलतियां कर डाली हैं। वक्फ अधिनियम के मुताबिक जहां कमेटी बर्खास्तगी के स्थान पर नई कमेटी गठन के नियम हैं, वहीं बोर्ड प्रशासन ने नई कमेटी बनाने की बजाए प्रभारी प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त कर दिया है। इधर बोर्ड के प्रभारी सीईओ ने जो अधिकार प्रभारी प्रशासनिक अधिकारी को दिए हैं, उसे भी नियम संगत नहीं कहा जा सकता।

सियासत भी हुई हावी

वक्फ दरगाह नाहर शाह वली की प्रबंधन कमेटी पर काबिज होने के लिए सियासत से जुड़े लोग एडी चोटी का दम लगाए हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए दिल्ली से लेकर भोपाल और इंदौर समेत कई बड़े भाजपा नेता सिफारिशें करते नजर आ रहे हैं।

मंत्री पास पहुंची शिकायत

सूत्रों का कहना है कि आनन फानन में कमेटी हटाने, नियम विरुद्ध प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किए जाने, कम समय में उर्स शुरू करने समेत कमेटी और प्रशासन से बाहर के लोगों की दखल अंदाजी को लेकर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रामखेलावन पटेल को शिकायत की गई है। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मंत्री पटेल ने कहा कि मामले को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है। इसके आधार पर अगली व्यवस्था तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि जरूरत हुई तो उर्स के लिए नई तारीख तय की जाएगी। साथ ही इस भव्य आयोजन में शामिल होने के लिए वे खुद भी पहुंचेंगे।

खान अशु

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