Politics of thug in uttar pradesh
देश में एक तरफ ‘ठग ऑफ हिंदुस्तान’ फिल्म चल रही है तो दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में ‘पॉलिटिक्स ऑफ ठग’ चल रही है. समाजवादी पार्टी से अपमानित होने के बाद नई प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव अब भी अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव से ठगे जा रहे हैं. केंद्र और यूपी की सत्ता पर काबिज भाजपा भी शिव सेना को ठग रही है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को ठग रहे हैं.

मुलायम का 80वां जन्मदिवस मनाने के लिए अखिलेश और शिवपाल में फिर छीना-झपटी हुई. अखिलेश ने लखनऊ में तैयारी की तो शिवपाल ने अपने गृह जनपद सैफई में. मुलायम ने लखनऊ में अपना जन्मदिवस मनाने के बाद सैफई पहुंचने का वादा किया था. लेकिन बेटे अखिलेश और पोते-पोतियों से मिल कर मुलायम इतने गदगद हो गए कि सैफई जाने का वादा ही भूल गए और शिवपाल इंतजार करते रह गए. सपा के एक नेता ने कहा कि नेताजी सैफई जाना भूले नहीं, बल्कि उन्होंने अपने भाई शिवपाल को एक बार फिर ठगा. सपा नेता ने जन्मदिवस पर मुलायम के संक्षिप्त भाषण का संक्षिप्त संदर्भ सामने रखा. मुलायम ने शिवपाल का नाम लिए बगैर कहा कि ‘कुछ नेताओं ने अलग होकर पार्टी को कमजोर करने का काम किया है’.

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अखिलेश-शिवपाल प्रकरण में पर्दे के पीछे से मुलायम अपने बेटे अखिलेश को सारे ‘गुर’ सिखाते रहे और भाई शिवपाल को ठगते रहे. शिवपाल ने सैफई में मुलायम के जन्मदिन के जश्न का शानदार इंतजाम किया था. सैफई को भव्यता से सजाया गया था और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ मुलायम का पसंदीदा दंगल भी आयोजित किया गया था. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने मुलायमकी गैर-हाजिरी मेंउनका जन्मदिन धर्मनिरपेक्ष दिवस के रूप में मनाया.शिवपाल समेत बड़ी तादाद में सैफई के लोग मुलायम का इंतजार करते रह गए.जब मुलायम नहीं आए तो शिवपाल को हीकेक काटना पड़ा. सैफई के लोगों ने देखा कि बड़े भाई मुलायम से फिर ठगे गए शिवपाल काफी भावुक हो रहे थे.

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योगी ने अपने ही सहयोगी दल को नहीं दी रैली की मंजूरी

भाजपा ने भी अपने सहयोगी दल शिवसेना को ठगा. राम मंदिर की सियासत में भाजपा किसी भी दूसरे दल की घुसपैठ बर्दाश्त नहीं कर सकती. अयोध्या के राम कथा पार्क में 24 नवंबर को प्रस्तावित शिव सेना की रैली को भाजपाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी नहीं दी. शिवसेनाप्रमुख उद्धव ठाकरे इस रैली को संबोधित करने वाले थे. शासन ने कहा कि शिव सेना की रैली से खतरा हो सकता है. सरकार के इस रवैये से शिव सेना खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है. प्रशासन ने कहा कि शिव सेना नेता की विवादित टिप्पणी से माहौल बिगड़ने का अंदेशा है.
शिव सेना के लिए यह विचित्र इसलिए भी है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिव सेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत की मुलाकात में मुख्यमंत्री ने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया था. 24 नवंबर को शिव सेना राम कथा पार्क में रैली नहीं कर पाएगी, लेकिन अगले ही दिन यानि 25 नवंबर को विश्व हिंदू परिषद अयोध्या में विशाल संकल्प सभा बुला रही है.लाखों लोग जुटने वाले हैं, लेकिन इस जुटान से योगी सरकार को माहौल बिगड़ने की कोई आशंका नहीं है.

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