जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाए जाने के करीब 2 साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को राज्य के 14 दलों के नेताओं के साथ मीटिंग करने वाले हैं। मीटिंग शाम 3 बजे से होनी है। इसमें जम्मू-कश्मीर से राजनीतिक गतिरोध खत्म करने पर बातचीत हो सकती है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती जैसे बड़े नेता मौजूद रहेंगे।
मीटिंग से पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना, पूर्व उपमुख्यमंत्री कवीन्द्र गुप्ता और निर्मल सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचे हैं। इस बीच महबूबा के पाकिस्तान से बातचीत वाले बयान पर बवाल शुरू हो गया है। जम्मू में डोगरा फ्रंट ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि महबूबा को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। इसके लिए उन्हें जेल की सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए।
रिपोर्टों से पता चलता है कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर में “राजनीतिक प्रक्रिया को मजबूत करने” के लिए यह सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बैठक में चर्चा किए जाने वाले प्रमुख मुद्दों में से एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो सकता है।
मीटिंग की कुछ खास बाते
- जम्मू-कश्मीर को अलग केंद्रीय शासित प्रदेश बनाने के साथ ही यहां विधानसभा सीटें बढ़ाई गई हैं। अभी यहां 114 सीटें हैं, जिनमें से 24 PoK की हैं। यानी मौजूदा वक्त में चुनाव के लिए करीब 90 सीटें होंगी।
- इस बैठक में सिर्फ जम्मू-कश्मीर के आंतरिक मसले ही नहीं, बल्कि इससे जुड़े कुछ बाहरी मसलों पर चर्चा हो सकती है। इनमें अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं का हटना, लद्दाख में चीनी सैनिकों का लगातार परेशानी बढ़ाने जैसे मसले शामिल हैं।
- मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के 14 दलों के नेताओं को बुलाया गया है। गुपकार ग्रुप ने बीते दिनों ही मीटिंग कर ये फैसला लिया था कि वो भी मीटिंग में शामिल होंगे। इनमें फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, सज्जाद लोन जैसे नाम शामिल हैं।
- गुपकार ग्रुप के अलावा कांग्रेस और भाजपा के प्रतिनिधि भी इस मीटिंग में शामिल होंगे। कांग्रेस ने मनमोहन सिंह की अगुवाई में एक मीटिंग कर इसमें शामिल होने का निर्णय लिया था।
- मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी के साथ गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, NSA अजित डोभाल समेत अन्य कुछ अधिकारी शामिल होंगे।