नई दिल्ली : गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख बिमल गुरूंग के ठिकानों पर छापेमारी के बाद प्रदर्शनकारियों और दंगा पुलिस ने एक-दूसरे पर पथराव किया और एक कार को आग लगा दी गयी। गुरूंग का अलगाववादी आंदोलन बेहद हिंसक रहा है।
पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग पहाडि़यों को मिलाकर अलग गोरखालैंड के गठन की जीजेएम की मांग तेजी से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए राजनीतिक संकट का रूप ले रही है। इस संकट से पर्यटन के मुख्य मौसम, गर्मियों के दौरान इस व्यवसाय पर भी बहुत असर पड़ने वाला है। जीजेएम के महासिचव रोशन गिरि ने कहा, पहाड़ी में मौजूदा हालात राज्य सरकार के पैदा किये हुए हैं। वे पुलिस बल का प्रयोग करके हमें दबाना चाहते हैं।
आपको बता दें गोरखा जनमुक्ति मोर्चा काफी लंबे वक्त से अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर आंदोलन कर रही है। जिसके लिए दार्जिलिंग में अनिश्चितकालीन बंद का आह्नवान किया गया है। लेकिन पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार आंदोलनकारियों के सामने झुकने को तैयार नहीं है।
पुलिसकमर्यिों ने पास में एक कार को आग लगाए जाने के बाद जवाब में पथराव किया। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कार असैन्य नागरिक की है या पुलिस बल की। दिन में छापेमारी के दौरान पुलिस ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख बिमल गुरूंग से जुड़े कुछ परिसरों पर गुरुवार को छोपमारी कर तीरों और विस्फोटकों सहित वहां से 300-400 हथियार बरामद किए। इस छापेमारी और घटनाक्रम से नाराज अलगाववादी समूह ने दार्जिलिंग पहाडि़यों में अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है। पुलिस का कहना है कि दार्जिलिंग के सिंगमारी और पाटलेबास इलाकों में की गयी छापेमारी के दौरान कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं को भी गिरफतार किया गया।
इससे पहले अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर बुधवार को भी जीजेएम और दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों ने रैलियां निकालीं। पुलिस किसी भी प्रकार की हिंसा को टालने के लिए कड़ी नजर बानाए हुए है। दार्जिलिंग में चौकबाजार और माल रोड पर और इसके आस पास अधिकतर दुकानें बंद रहीं। आपको बता दें दार्जिलिंग में सरकारी और गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन के कार्यालयों में जीजेएम समर्थित अनिश्चितकालीन बंद 12 जून से शुरू हुआ था।