कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर केंद्र सरकार को चेताया है। कोविड पर व्हाइट पेपर जारी करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कोविड से देश को जो दर्द पहुंचा ये पूरा देश जानता है। ये श्वेत पत्र हमने डिटेल में तैयार किया है। इसका लक्ष्य फिंगर प्वाइंटिंग नहीं है। हम इन ग़लतियों को इसलिए जारी कर रहे हैं ताकि आने वाले समय में इसे ठीक किया जा सके।
“(दूसरी लहर में) मरने वाले 90 प्रतिशत लोगों को बचाया जा सकता था। सबसे बड़ा कारण (उनकी मृत्यु) ऑक्सीजन की कमी थी। पीएम के आंसू परिवारों के आंसू नहीं पोंछ सकते … उनके आंसू उन्हें नहीं बचा सके, ऑक्सीजन कर सकता था। लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया क्योंकि उनका ध्यान बंगाल (चुनाव) पर था।”
पहली लहर के दौरान वैज्ञानिकों ने दूसरे लहर की बात की थी, लेकिन सरकार की तैयारी उस हिसाब से नहीं रही। आज भी हम वहीं खड़े हैं। दुनिया को पता है कि तीसरी लहर आने जा रही है। हम कह रहे हैं कि सरकार को तीसरी लहर के लिए पूरी तैयारी करनी चाहिए। हमारा लक्ष्य ये है पहली और दूसरी लहर में जो कोविड मैनेजमेंट विनाशकारी रहा है, ऑक्सीजन और दवा की जिस तरह की किल्लत रही, अब तक वो आगे नहीं होना चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा कि व्हाइट पेपर में हमने चार मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया है। पहला बिंदु तीसरी लहर की तैयारी है। दूसरा बिंदु यह है कि गरीबों, छोटे व्यापारियों को आर्थिक मदद दीजिए। तीसरा यह कि कोविड मुआवजा कोष बने। चौथा बिंदु पहली और दूसरी लहर की गलतियों के कारणों का पता लगाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि आगे यह गलतियां नहीं हों।