भोपाल। कोरोना काल में अकूत कमाई कर लेने वाले अस्पताल प्रबंधकों ने अब सरकारी आदेशों को भी धता दिखाना शुरू कर दिया है। उद्दंडता का आलम यह है कि पीएमओ से चले एक सवाल पर 21 दिन बाद भी जवाब देने की सुध नहीं ली गई है। जबकि इसके लिए 3 दिन की समय सीमा तय की गई थी।
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली से प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा एक चिी 25 जून 2021 को लिखी गई थी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल को लिखी गई इस चिी में भोपाल के सबसे बड़े कोविड सेंटर चिरायु अस्पताल में मौजूद अव्यवस्थाओं को लेकर सवाल किए गए थे। राजधानी के एक शिकायतकर्ता अजय पाटीदार द्वारा इन अव्यवस्थाओं को लेकर पीएमओ को हस्तक्षेप करने के लिए लिखा गया था। सूत्रों का कहना है कि पीएमओ की इस चि_ी पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल ने चिरायु अस्पताल से 3 दिन में प्रतिवेदन मांगा था। लेकिन चिरायु अस्पताल प्रबंधन ने इस पत्र को न गंभीरता से लिया है और ना इसका जवाब देना ही मुनासिब समझा है।
सीएमएचओ ने फिर लिखा पत्र
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने इस मामले को लेकर 5 जुलाई 2021 को फिर चिरायु अस्पताल प्रबंधन को पत्र लिखा है। इस स्मरण पत्र में कहा गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय के इस पत्र को गंभीरता से लें। सीएमएचओ ने प्रबंधन को प्राथमिकता के आधार पर पत्र का जवाब तत्काल प्रस्तुत करने की ताकीद की है।
क्या था मामला
जानकारी के मुताबिक राजधानी के सोशल एक्टिविस्ट अजय पाटीदार ने चिरायु अस्पताल में जारी अव्यवस्थाओं की शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने अस्पताल में आयुष्मान कार्ड का लाभ न दिए जाने, मरीजों से अधिक राशि वसूल करने और स्थानीय सरकार द्वारा अव्यवस्थाओं से नजरें हटाए रखने को लेकर शिकायत की थी।
इनका कहना
प्रधानमंत्री कार्यालय से चि_ी आई थी, जिसपर चिरायु अस्पताल से जवाब मांगा गया है। समयसीमा में जवाब न आने पर अस्पताल प्रबंधन को स्मरण पत्र भेजा गया है। इसकी वर्तमान स्थिति की फिलहाल मुझे जानकारी नहीं है।
डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ