प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि आलोचक चाहे जितना भी उन्हें भला-बुरा कहते रहें, देश की जनता उनके साथ खड़ी है. मुझे उनकी कोई परवाह नहीं है. देश की अर्थव्यवस्था के लिए नोटबंदी का कदम एक गेमचेंजर था. इस पर विशेषज्ञों का फैसला आना अभी बाकी है.
नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने पर प्रधानमंत्री ने सभी आलोचनाओं को दरकिनार कर दिया है. उन्होंने एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में बताया कि यह फैसला गरीबों, पिछडों और हाशिए पर रह गए लोगों के लिए लिया गया है. गौरतलब है कि विपक्ष नोटबंदी को कुछ अमीर घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए उठाया गया कदम बताकर सरकार को कठघरे में खड़े करने की कोशिश कर रहा है. मोदी ने कहा कि नोटबंदी में मेरा कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं है. यह लोगों के हित में है.
मोदी ने कहा कि नीति और रणनीति में फर्क होता है. आलोचना से पहले इसे समझने की जरूरत है. दोनों को एक ही टोकरी में न डालें. 500 और 1000 के नोट बंद होने का फैसला हमारी नीति को दर्शाता है. लेकिन इसके लिए हमारी रणनीति अलग होने की जरूरत थी. अगर हमारे इरादे ईमानदार और स्पष्ट हैं, तो इसका नतीजा सबको दिखेगा. मोदी ने कहा कि वे दोनों सदनों में नोटबंदी पर बोलना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने बहस की जगह सदन ही नहीं चलने दिया.
हमेशा चुनावी मोड में रहता है देश
चुनावों की मौजूदा व्यस्स्था पर उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होने से न सिर्फ चुनावी खर्च बढ़ता है, बल्कि इसका असर हमारी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है. इसका एक असर ये भी होता है कि यह देश हमेशा एक चुनावी मोड में रहता है. सरकार संसद और विधानसभा के चुनाव साथ कराने की संभावना तलाश रही है.