राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए गुरुवार को हुए चुनाव में NDA प्रत्याशी हरिवंश नारायण सिंह के जीत जाने के बाद संसद में की गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी को सदन के रिकॉर्ड से हटाया गया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी बीके हरिप्रसाद का ज़िक्र किया था.
संसद के उच्च सदन के दूसरे सर्वोच्च पद के लिए हुए चुनाव में NDA की जीत होने के बाद दिए अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरिवंश नारायण सिंह को बधाई दी, और कहा – चुनाव ‘दो हरि’ के बीच था. उम्मीद है कि हरि कृपा हम सबपर बनी रहे. दोनों पक्षों के प्रत्याशियों के नाम में ‘हरि’ जुड़ा है. ये चुनाव था जहां दोनों तरफ हरि थे, लेकिन एक तरफ बीके थे, उनके आगे बीके था, बीके हरि… कोई ना बिके. हरिवंश के सामने कोई ‘बिके’ नहीं.’
इसके बाद कांग्रेस सदस्यों इसे बीके हरिप्रसाद का अपमान करार दिया, और नाराज़गी जताई, और सभापति वेंकैया नायडू से इसे कार्यवाही से हटाने की मांग की थी. उन्होंने पीएम की टिप्पणी के खिलाफ प्वाइंट ऑफ ऑर्डर भी उठाया था. उनका कहना था कि यह टिप्पणी आपत्तिजनक और गलत मंशा से की गई थी. सभापति की ओर से उन्हें इस पर विचार करने का आश्वासन मिला था.
यह कम ही होता है, परन्तु यह पहला मौका नहीं है, जब प्रधानमंत्री की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही के रिकॉर्ड में से हटाया गया हो. वर्ष 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह तथा विपक्ष के नेता अरुण जेटली के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी, जिसके बाद दोनों ही नेताओं के कहे कुछ शब्दों को रिकॉर्ड में से हटाया गया था.