प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच दिनों की तीन देशों की यात्रा पर हैं. मंगलवार शाम अपनी यात्रा के पहले पड़ाव के लिए इंडोनेशिया के जकार्ता पहुंचे. पीएम पांच दिवसीय इस दौरे में इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर जाएंगे. इस दौरे से देश की एक्ट ईस्ट नीति को और बढ़ावा मिलेगा.
दौरे से पहले पीएम मोदी ने सोमवार को कहा कि इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर के साथ भारत के मजबूत संबंध हैं. सिंगापुर में वह वार्षिक सुरक्षा सम्मेलन शांगरी ला वार्ता को एक जून को संबोधित करेंगे.
बुधवार को इंडोनेशिया में PM का कार्यक्रम-
सुबह 9 बजे – इंडिपेंडनेस पेलेस में मीटिंग
सुबह 11 बजे – पतंग उड़ाने का कार्यक्रम
दोपहर 3 बजे – भारतीय समुदाय के लोगों के साथ संवाद
पीएम ने कहा कि पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस सम्मेलन को संबोधित करेगा. क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर यह भारत के विचारों को व्यक्त करने का अवसर होगा.
फेसबुक पेज पर जारी बयान में प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के निमंत्रण पर वह जकार्ता में होंगे. उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री के रूप में यह मेरी पहली इंडोनेशिया यात्रा है. राष्ट्रपति विडोडो के साथ 30 मई को विचार-विमर्श होगा. साथ ही भारत- इंडोनेशिया सीईओ के फोरम में हमारा संयुक्त वार्तालाप होगा.’ पीएम इंडोनेशिया में भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बैठक करेंगे और उन्हें संबोधित करेंगे.
31 मई को सिंगापुर जाते समय प्रधानमंत्री थोड़े समय के लिए मलेशिया में रूकेंगे जहां मलेशिया के नए नेतृत्व को बधाई देंगे. प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से मुलाकात करेंगे.
पीएम मोदी एक जून को सिंगापुर के राष्ट्रपति हलीमा याकूब से मुलाकात करेंगे और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी, जिसमें रक्षा और कौशल विकास जैसे समझौते होंगे.
पीएम दो जून को क्लीफोर्ड पियर में एक पट्टिका का अनावरण करेंगे जहां 27 मार्च 1948 को गांधीजी की अस्थितयों का विसर्जन किया गया था.
मोदी सरकार ने भारत की एक्ट ईस्ट नीति को शुरू किया था जिसका उद्देश्य एशिया प्रशांत क्षेत्र में ध्यान केंद्रित करना है. माना जा रहा है कि पीएम के दौरे से भारत की एक्ट ईस्ट नीति को मजबूती मिलेगी.