चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर दुनियाभर में आज लोगों ने योगाभ्यास किया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देहरादून के वन अनुसंधान केंद्र के मैदान में मौजूद थे. वे यहां करीब 50 हजार लोगों के एकसाथ योगाभ्यास में शामिल हुए. यहां प्रधानमंत्री ने योग की अहमियत भी बताई. उन्होंने कहा कि आज देहरादून से लेकर डबलिन तक, योग पूरी दुनिया को जोड़ रहा है. जब तोड़ने वाली ताकतें हावी हों तो समाज में बिखराव आता है और व्यक्ति खुद ही अंदर से टूटता जाता है. इससे जीवन में तनाव बढ़ता जाता है. इस बिखराव के बीच योग जोड़ने का काम करता है.

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि जो लोग योग से जुड़े हैं, वे इसमें निरंतरता लाएं और जो नहीं जुड़े हैं, वे भी इससे जुड़ें. उन्होंने योग को भारत और विश्व के बीच का सेतू बताया. उन्होंने कहा कि योग आज दुनिया की सबसे पावरफुल यूनिफाइंग फोर्सेस में से एक बन गया है, जो हम सभी के लिए गौरव की बात है. आज जहां-जहां उगते सूर्य की किरणें पहुंच रही हैं, प्रकाश का विस्तार हो रहा है, वहां-वहां लोग योग से सूर्य का स्वागत कर रहे हैं. हिमालय के हजारों फीट ऊंचे पर्वत हों या धूप से तपता रेगिस्तान हो, योग हर परिस्थिति में जीवन को समृद्ध कर रहा है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के बाद 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने विश्व योग दिवस मनाने का प्रस्ताव मंजूर किया था और इसके लिए 21 जून को चुना गया. 21 जून 2015 पहले विश्व योग दिवस के रूप में मना. प्रधानमंत्री ने इसे लेकर भी कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि संयुक्त राष्ट्र में सबसे कम समय में स्वीकार किया जाने वाला प्रस्ताव योग दिवस का है. प्रधानमंत्री ने बुधवार को दुनियाभर के योग प्रेमियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर उनकी सराहना करते हुए कहा था कि योग सिर्फ व्यायाम नहीं है, बल्कि यह शरीर को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने की शैली है. यह स्वास्थ्य बीमा का पासपोर्ट, तंदुरुस्ती और आरोग्य का मंत्र है.

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