देश में तेज़ी से बढ़ते कोरोना के ताज़ा मामलों पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को कहा कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए फिर से युद्ध स्तर पर काम करना आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने राज्यों से निषिद्ध क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने और जांच में तेज़ी लाने को कहा। मुख्यमंत्रियों के साथ देश में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की समीक्षा में कुछ बातें स्पष्ट हैं जिन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं पहले दिन से वैक्सीन पर राजनीति देख रहा हूँ। देश के लोगों की सेवा करना हमारी जिम्मेदारी है, मैं इसपर मुँह नहीं खोलना चाहता हूँ। जो राजनीति कर रहे हैं वे कर ही रहे हैं, हमें इसपर कुछ कहना नहीं है। सभी सीएम अपने राज्य की स्थिति को बदलने को लेकर सामने आएंगे।
पीएम मोदी ने कहा, ‘पिछले साल कोरोना की जो सर्वोच्च रफ्तार थी उसे हम इस बार पार कर चुके हैं। इस बार मामलों की वृद्धि दर पहले से भी ज्यादा तेज है. महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्यप्रदेश और गुजरात समेत कई राज्य पहली लहर की ‘पीक’ को भी पार कर चुके हैं। कुछ और राज्य भी इस ओर बढ़ रहे हैं। हम सबके लिए ये चिंता का विषय है। ये एक गंभीर चिंता का विषय है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार लोग पहले की अपेक्षा बहुत अधिक लापरवाह हो गए हैं और अधिकतर राज्यों में प्रशासन भी सुस्त नजर आ रहा है। उन्होंने कहा, ‘ऐसे में कोरोना मामलों की इस अचानक बढ़ोतरी ने मुश्किलें पैदा की हैं। इसके प्रसार को रोकने के लिए फिर से युद्ध स्तर पर काम करना आवश्यक है।’ उन्होंने कहा कि इन तमाम चुनौतियों के बावजूद देश के पास पहले की अपेक्षा बेहतर अनुभव और बेहतर संसाधन उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा, ‘जनभागीदारी के साथ-साथ हमारे परिश्रमी चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मियों ने स्थिति को संभालने में बहुत मदद की है और आज भी कर रहे हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले हमारे पास ना तो मास्क थे और ना ही पीपीई किट उपलब्ध थी और ना ही संसाधन थे इसलिए कोरोना से उस समय बचने का एकमात्र साधन लॉकडाउन बचा था और वह रणनीति काम आई।