मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद शासन ने 15 जुलाई से प्रदेश में प्लास्टिक बैन करने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार फिलहाल 50 माईक्रॉन से पतली प्लास्टिक पर रोक लगाने जा रही है।
शुक्रवार को मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय और नगर विकास प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह ने पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर इसकी पूरी कार्ययोजना 10 जुलाई तक देने को कहा है। ब्लू प्रिंट तैयार होने के बाद मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर फैसले को अंतिम रूप दिया जाएगा।
मनोज कुमार ने बताया कि प्रतिबंध को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर योजना बनायी जा रही है। आदेश का सख्ती से पालन सख्ती से हो सके इसके लिए कड़े प्रावधान करने पर विचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि बैन के बाद दोषी पाये जाने वाले लोगों पर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
बताते चलें कि यह पहली बार नहीं है जब प्रदेश में प्लास्टिक बैन की मुहिम जोर पकड़ रही है। इससे पहले सपा सरकार ने 2015 में पॉलिथिन पर प्रतिबंध लगाया था। सरकार ने इन्वॉयरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट में संशोधन करते हुए प्लास्टिक बैग इस्तेमाल करने पर छह महीने की सजा और पांच लाख रुपये जुर्माना देने का नियम बनाया था। लेकिन यह नियम कागजों तक ही सीमित रह गया।
योगी सरकार इसे लागू करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती इसलिए पूरी तैयारी के साथ प्रतिबंध लागू करना चाहती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए थे। इसके साथ ही कई मौकों वह जनता से इस मुहिम को सफल बनाने के लिए प्लास्टिक इस्तेमाल न करने की अपील भी कर चुके हैं।