चुनाव परिणाम में पहले ही संभावित जीत का आकलन तो सामान्य सी बात है, लेकिन कई बार जब इस संभावना में एक से ज्यादा लोग अपने लिए मंजिल तलाशने लगते हैं, तो यह संभावना सिरफुटव्वल में बदल जाती है. राजस्थान में इन दिनों यही हो रहा है. परिणाम में अभी दो दिन बाकी हैं, लेकिन एग्जिट पोल से उत्सायहित कांग्रेसी अपने अपने गुट के नेता को मुख्येमंत्री की कुर्सी पर काबिज देखने के लिए अभी से बेचैन हो उठे हैं. यह बेचैनी इतनी ज्याीदा है कि राजस्थान कांग्रेस के दोनों गुटों की तकरार अब जमीन पर खुलकर नजर आने लगी है.
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सचिन पायलट के राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद से ही उनके समर्थक उन्हें अगले मुख्य मंत्री के रूप में देखने लगे थे, वहीं अशाेक गहलोत खेमे के लोग किसी भी तरह से उन्हें फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहुंचाना चाहते हैं. चुनाव के दौरान बड़े नेताओं के दबाव में यह गुटबाजी नजर नहीं आई, लेकिन अब जैसे जैसे अंतिम परिणाम का समय नजदीक आ रहा है, समर्थन के बहाने ताकत का प्रदर्शन खुलकर होने लगा है. इसी क्रम में जयपुर सिविल लाइंस से कांग्रेस प्रत्याशी और जयपुर शहर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास ने कुछ ऐसा कहा है, जिससे सूबे की राजनीतिक हलचल बढ़ गई है.
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शनिवार खाचरियावास का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे कह रहे हैं कि ‘हमारे नेता राहुल गांधी हैं, वे जो कहेंगे वह फैसला हमें मंजूर होगा.’ वीडियो में वे यह भी कह रहे हैं कि ‘मैंने समाचार पत्रों में पढ़ा कि गहलोत साहब ने मुख्यमंत्री पद के लिए पांच लोगों के नाम दिए हैं. वे सीनियर लीडर हैं, मैं उनका सम्मान करता हूं. लेकिन इस बारे में वे फैसला नहीं कर सकते. मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर राहुल गांधी और विधाई समिति फैसला लेगी.’
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खाचरियावास के बयान पर अशोक गहलोत ने कहा है कि ‘वे कुछ गलत नहीं कह रहे हैं. मैं किसी को मुख्यमंत्री कैसे बना सकता हूं? मैंने कभी ऐसा दावा भी नहीं किया. इस बारे में राहुल गांधी और पार्टी आलाकमान फैसला लेंगे.’ गौर करने वाली बात यह है कि खाचरियावास सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं. शुरुआत से ही, वसुंधरा के खिलाफ कई आंदोलनों में वे पायलट के साथ ही खड़े नजर आए हैं.