डाक्टर पायल तड़वी आत्महत्या मामले में गिरफ्तार तीनों डॉक्टर भक्ति मेहरे, हेमा आहूजा और अंकिता खंडेलवाल को मुंबई की सेशन कोर्ट ने 31 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. इन तीनों महिला डाक्टर्स पर पायल तड़वी को प्रताड़ित करने का आरोप है जिसके चलते उन्होंने 22 मई को अपने कमरे में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी.
पायल तड़वी के परिवार का आरोप है कि चिकित्सकों ने उसके अनुसूचित जनजाति का होने को लेकर ताने मारे थे. पुलिस ने बताया कि 26 वर्षीय पायल तड़वी के 22 मई को आत्महत्या करने के बाद मामला दर्ज किया गया था.पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अग्रीपाडा पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद सबसे पहले डॉक्टर भक्ति मेहारे को गिरफ्तार किया गया और उसके बाद बाकी दोनों सीनियर डॉक्टर अंकिता खंडेलवाल और हेमा आहूजा को भी गिरफ्तार कर लिया गया. तीनों डॉक्टरों पर अत्याचार कानून, रैगिंग विरोधी कानून और आईटी कानून और आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.मुंबई पुलिस ने बताया कि दो अन्य आरोपी डॉक्टर अंकिता खंडेलवाल और हेमा आहूजा ने यहां सत्र अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दी। इसके अलावा पायल सुसाइड केस के तीनों मुख्य आरोपी डॉ भक्ति मेहारे, डॉ अंकिता खंडेलवाल, डॉ हेमा आहूजा और एचओडी को सस्पेंड कर दिया गया है.
महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया और अस्पताल अधिकारियों को नोटिस जारी कर आठ दिन के अंदर यह बताने को कहा है कि उन्होंने रैगिंग विरोधी कानून को लागू करने के लिये क्या कदम उठाए.उधर तड़वी को खुदकुशी के लिये उकसाने की आरोपी तीन महिला चिकित्सकों ने मामले में “निष्पक्ष जांच” की मांग की है. महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) को लिखे एक खत में अंकिता खंडेलवाल, हेमा आहूजा और भक्ति मेहारे ने कहा कि वे चाहती हैं कि कॉलेज इस मामले में निष्पक्ष जांच करे और उन्हें “न्याय दे”. तीनों चिकित्सकों ने पत्र में कहा, “पुलिस बल और मीडिया के दबाव में जांच करने का यह तरीका नहीं है. इसमें हमारा पक्ष नहीं सुना जा रहा.’’ एमएआरडी ने तीनों चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है.
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