गुजरात में साल 2015 के दौरान हार्दिक पटेल के नेतृत्व में पाटीदार संगठन की तरफ से पातेदार अनामत आन्दोलन किया गया था. इस आन्दोलन में जमकर हिंसा हुई थी साथ ही जगह-जगह प्रदर्शन भी हुए थे. इस आन्दोलन को लेकर गुरुवार को गुजरात की एक अदालत ने हार्दिक पटेल के खिलाफ राजद्रोह के आरोप तय कर दिए हैं.
बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने अहमदाबाद अपराध शाखा की ओर से दायर राजद्रोह के इस मामले में हार्दिक पटेल को सभी आरोपों से मुक्त करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था और अब हार्दिक पटेल के खिलाफ इस मामले में राजद्रोह के आरोप भी तय कर दिए गये हैं. लेकिन अब अदालत के इस फैसले के खिलाफ हार्दिक पटेल ने ट्वीट करके सवाल उठाए हैं.
राजद्रोह के जूठे केस में कोर्ट ने चार्ज फ़्रेम कर दिया केस !!
हमारा केस चलाने के लिए कोर्ट इतनी उतावली है और इसी कोर्ट में वीरेन वैष्णव नाम के व्यक्ति ने कोर्ट को कहा के मेरे केस को सात साल से ज़्यादा हो गया हैं फिर भी केस नहीं चल रहा !!
मेरा केस इतनी जल्द चल रहा हैं। pic.twitter.com/m4an3zKxmf— Hardik Patel (@HardikPatel_) March 22, 2018
हार्दिक ने कहा कि, राजद्रोह के जूठे केस में कोर्ट ने चार्ज फ़्रेम कर दिया केस !! हमारा केस चलाने के लिए कोर्ट इतनी उतावली है और इसी कोर्ट में वीरेन वैष्णव नाम के व्यक्ति ने कोर्ट को कहा के मेरे केस को सात साल से ज़्यादा हो गया हैं फिर भी केस नहीं चल रहा !! मेरा केस इतनी जल्द चल रहा हैं।
Read Also: दिल्ली बजट LIVE: हरियाली पर ज़ोर साथ ही ई-वेहिकल्स को दिया जाएगा बढ़ावा
बता दें पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल फिलहाल जमानत पर हैं. उन्हें उच्च न्यायालय ने जून 2016 में जमानत पर रिहा कर दिया था. अदालत ने अभियोजन का यह अनुरोध स्वीकार किया कि हार्दिक के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं जिनके आधार पर आरोप तय किए जा सकते हैं. हार्दिक पटेल पर हिंसा भड़काने के आरोप हैं. पाटीदार आन्दोलन के दौरान हुई हिंसा में लगभग एक दर्जन लोगों की मौत हो गयी थी.