संसद के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है। पेगासस जासूसी विवाद को लेकर दो दिन हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। गुरुवार यानी आज संसद के दोनों सदनों में 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने जमकर हंगामा हुआ। इसके बाद राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। वहीं कांग्रेसी सांसदों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ संसद परिसर में प्रदर्शन किया।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। इसके इतर नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आज किसान विरोध प्रदर्शन रैली निकाल रहे हैं। बता दें कि लोकसभा की एक भी बैठक अब तक नहीं हो पाई है। राज्यसभा में कोरोना वायरस पर चर्चा जरूर हुई। इस चर्चा में केंद्र सरकार के बयान ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत न होने पर जमकर हंगामा हुआ। हालांकि, अधिकतर राज्यों ने कहा है कि उनके यहां ऑक्सीजन की कमी से किसी की जान नहीं गई।
दरअसल, पेगासस जासूसी कांड के कारण 19 जुलाई से प्रारंभ हुआ मॉनसून सत्र अब तक बुरी तरह प्रभावित रहा है। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार किए हुए है। विपक्ष पेगासस स्पाईवेयर विवाद की जांच कराने की मांग कर रहा है लेकिन सरकार इसके लिए रजामंद नहीं है। दूसरी ओर, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं होने संबंधी सरकार के जवाब ने भी विपक्ष को नाराज किया है। इससे पहले, गुरुवार को कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर कांग्रेस के सांसदों ने संसद भवन में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया।
तृणमूल कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि वह संसद की कार्यवाही को तब तक बाधित करती रहेगी जब तक सरकार पेगासस जासूसी और निगरानी मामले में लगे आरोपों से बेदाग बाहर नहीं आती और इस पर दोनों सदनों में चर्चा के लिये तैयार नहीं होती। पार्टी ने कहा कि हालांकि वह कोरोना वायरस की स्थिति या उससे संबंधित किसी पहलू पर होने वाली किसी चर्चा को नहीं रोकेगी।तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, “यह (पेगासस स्पाईवेयर) एक गंभीर मुद्दा है और तृणमूल इस पर समझौता नहीं करेगी। हम दोनों सदनों में से किसी भी सदन को तब तक चलने नहीं देंगे जब तक सरकार जासूसी और निगरानी के आरोपों से बेदाग नहीं निकलती। देश जब महामारी से जूझ रहा था तो सरकार ने फोन हैक करने के लिये एक बार में करोड़ों खर्च किए। ”