नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया)। तमिलनाडु की राजनीति में भूचाल आ गया। शशिकला नटराजन अपनी ताजपोशी की तैयारियों में जुटी ही हुई थी। कि मंगलवार शाम पनीरसेल्वम ने बगावत के सकेत दे दिए। कुर्सी खाली करने के बाद पनीरसेल्वम मंगलवार शाम जयललिता की समाधि पर बैठे रहे। करीब आधे घंटे बैठने के बाद उन्होने मीडिया से बात की।
पनीरसेल्वम ने कहा कि अम्मा ने मुझे संदेश दिया कि सबके सामने सच लाया जाया। उन्होने कहा अम्मा चाहती थी कि मैं ऊंचे पद पर बैठू लेकिन मुझे डरा कर मेरा इस्तीफा लिया गया। उन्होने कहा अगर मेरा साथ दिया तो मैं अपना इस्तीफा वापस भी ले सकता हूं। पनीरसेल्वम की बगावत के बाद शशिकला नटराजन ने पनीरसेल्वम को पार्टी के सभी पदों से निष्कासित कर दिया। पनीरसेल्वम ने दावा किया है कि उनके पास 50 विधायकों का समर्थन है। सदन में वो अपनी ताकत दिखाएंगे।
शशिकला नटराजन पर दोहरी मार
शशिकला नटराजन के लिए कुर्सी की राह मुश्किल होती जा रही है। पनीरसेल्वम की बगावत के बाद पार्टी का एक धड़ा उनके खिलाफ खड़ा है तो वहीं अब चुनाव आयोग ने भी सवाल उठा दिए। आयोग ने शशिकला को AIADMK के अंतरिम महासचिव बनाने पर सवाल पूछे हैं। चुनाव आयोग ने नोटिस जारी करते हुए शशिकला को पार्टी के अंतरिम महासचिव बनाए जाने प्रस्ताव की कॉपी विवरण सहित मांगी है।
तमिलनाडु की राज्यपाल विद्यासागर राव पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। संवैधानिक तौर पर उनके पास 4 विकल्प है। पहला विकल्प है कि वो पनीरसेल्वम को ही सीएम बने रहने दें। दूसरे विकल्प के अनुसार वो शशिकला को बहुमत साबित करने का न्योता दें। तीसरे विक्लप के मुताबिक वो राज्य की विधानसभा को भंग कर सकते हैं। और चौथे विकल्प के अनुसार वो फिलहाल के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दें। फिलहाल तीसरे और चौथे विकल्प की संभावनाएं कम हैं।