सीमा पर गोलीबारी करने वाला और आतंकियों का पनाहगाह पाकिस्तान अब अमेरिका के सामने भारत से बातचीत को गिड़गिड़ा रहा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अमेरिका के सामने गुहार लगाई है कि वह (यूएस) भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता शुरू कराने में अहम भूमिका अदा करे. इतना ही नहीं, कुरैशी ने चेतावनी देते हुए कहा कि वार्ता बहाल न होने से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति और बढ़ सकती है. बता दें कि सीमा पर तनाव और आतंक को बढ़ावा देने के कारण दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच काफी वक्त से संवाद बंद पड़ा हैं. वहीं अमेरिका ने इस संबंध में पाकिस्तान के अनुरोध को खारिज कर दिया है. इससे एक दिन पहले उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन से मुलाकात की थी.
कुरैशी का कहना है- वार्ता से पीछे हट रहा है भारत
वहीं, कुरैशी ने भारतीय नेताओं की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा, ‘इस तरह बातचीत बंद होने से तनाव बढ़ता है और वहां से हाल में आए कुछ बयान बहुत मददगार नहीं हैं.’ इस बीच उन्होंने दावा किया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की नई सरकार बातचीत से कतरा नहीं रही है. उधर, न्यूयॉर्क में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ बैठक रद होने का जिक्र करते हुए कुरैसी ने उलटा भारत पर इल्जाम लगाते हुए कहा कि वार्ता से पीछ भारत हटा है वो नहीं.
भारत के वार्ता रद के फैसले को फिर बताया बहाना
वहीं, भारत के आरोप, जिसमें कहा गया की डाक टिकट जारी कर आतंकियों का महिलामंडन किया गया और भारतीय सुरक्षाबलों की क्रूर हत्या की गई. इस सवाल को हल्के में लेते हुए कुरैशी ने कहा, ‘अगर भारत के पास कोई बेहतर विकल्प है, तो हमारे साथ साझा करें. अगर एक-दूसरे से बातचीत नहीं करने से मुद्दे हल होंगे और क्षेत्र में स्थिरता आएगी तो ठीक है. अगर यह उनका आकलन है तो फिर ठीक है.’
ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक खत्म करने के बाद पाकिस्तान के लिए रवाना होने से पहले कुरैशी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोनों देश एक-दूसरे से बातचीत नहीं कर रहे हैं. उन्होंने पूछा कि यह सरकार क्या चाहती है? हम हालात सामान्य चाहते हैं. हम सहस्तित्व चाहते हैं. आपको वास्तविकता को पहचानना होगा. पाकिस्तान एक वास्तविकता है. सो भारत भी है. हमारे पास समस्याएं हैं. हम उन्हें कैसे हल करेंगे?
पहले शांति फिर गाया कश्मीर का राग
बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चलने के भारत के रुख पर पूछे गए सवाल के जवाब में कुरैशी ने इमरान खान के एक बयान का हवाला दिया. उन्होंने कहा जब इमरान खान सत्ता में आए, तो उन्होंने कहा था कि आप (भारत) शांति के लिए एक कदम उठाएंगे, तो हम दो कदम बढ़ाएंगे और उसका मतलब था. यह सिर्फ इसलिए नहीं था क्योंकि यह सुनने में अच्छा लगा और ना किसी को खुश करने के लिए था. इसके बाद वे कश्मीर राग भी गाते नज़र आए. उन्होंने कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘अगर वे महसूस करते हैं कि कश्मीर में जो भी गड़बड़ी हो रही है, वह सब पाकिस्तान करवा रहा है, तो यह गैर यथार्थवादी नज़रिया है.