केंद्र के खिलाफ विपक्षी एकजुटता दिखाने के लिए आज कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में बैठक बुलाई गई है। बैठक में 15 दल शामिल होंगे। बैठक शाम पांच बजे वर्चुअली तौर पर आयोजित होगी। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार समेत विपक्षी दलों के बड़े नेता इस बैठक शामिल होंगे। हालांकि, आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को इस बैठक के लिए न्योता नहीं भेजा गया है।

दरअसल, इसी महीने की शुरुआत में ममता बनर्जी का दिल्ली दौरा हुआ था, दिल्ली दौरे के दौरान बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी समेत कई अन्य नेताओं से मुलाकात की थी। विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर ममता बनर्जी ने केंद्र को बता दिया था कि विपक्ष इतना कमजोर नहीं है, जितना सरकार समझ रही है। ममता- सोनिया की मुलाकात ने यह साफ कर दिया था कि विपक्षी दल अगामी लोकसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ने की योजना बना रहे हैं।

आगामी विधानसभा चुनावों पर बातचीत के आसार
अगले साल UP समेत कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी विपक्षी दल बातचीत कर सकते हैं। यहां भी इनकी योजना एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरने की है। विपक्षी दलों की सक्रियता को इसे बड़ी वजह माना जा रहा है। इसके अलावा अफगानिस्तान के हालात और पूर्वोत्तर की हालिया कुछ घटनाओं को लेकर विपक्षी दल सरकार से राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सवाल कर सकते हैं।

विपक्षी दलों के साथ राहुल की ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसी महीने विपक्षी दल के नेताओं के साथ ब्रेकफास्ट मीटिंग रखी थी। इसमें 14 दलों के नेता शामिल हुए। इस ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स का मकसद विपक्ष को एक साथ रखने की कोशिश थी। साथ ही पेगासस जासूसी कांड जैसे मुद्दों पर संसद में सरकार की घेराबंदी के लिए रणनीति तैयार की गई। बैठक खत्म होने के बाद राहुल गांधी साइकिल से संसद रवाना हुए। उनके साथ विपक्षी दलों के नेता भी साइकिल से संसद पहुंचे।

विपक्षी एकता को मजबूत करना है मकसद
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य विपक्षी एकता को और मजबूत करना है। साथ ही हाल ही में मानसून सत्र के दौरान सदन में पेगासस कांड, किसान आंदोलन, महंगाई समेत अन्य मुद्दों को लेकर जिस तरह विपक्ष ने सरकार को घेरा उससे भी मोदी और भाजपा विरोधी दल एक दूसरे के पास आए। विपक्षी हंगामा के चलते सदन की कार्यवाही लगातार बाधित रही। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों में इसको लेकर एक बेहतर समन्वय स्थापित हुआ। वहीं, राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में विपक्ष का नया कलेवर देखने को मिला।  इसके अलावा दोनों सदनों में विपक्ष को एकजुट करने में राहुल गांधी की उपस्थिति भी अहम रही।

 

Adv from Sponsors