मानसून सत्र खत्म होने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत करीब 15 विपक्षी दलों ने संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला। पूरे मानसून सत्र के दौरान पेगासस, किसान जैसे मुद्दों पर लगातार हंगामा कर रहे विपक्ष ने सरकार पर लोकतंत्र की मर्यादा भंग करने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने कहा कि राज्यसभा में पहली बार सांसदों को पीटा गया। राहुल के अलावा शिवसेना, राकांपा, राजद, समाजवादी पार्टी, DMK व अन्य विपक्षी दलों ने कहा कि राज्यसभा में बुधवार को लोकतंत्र की हत्या कर दी गई।
सरकार पर विपक्षी दलों का आरोप- बिल सांसदों ने नहीं, मार्शल लॉ ने पास किया
कांग्रेस: राहुल गांधी ने कहा- मानसून सत्र खत्म हो गया है। हमने पेगासस का मुद्दा उठाया। सरकार से कहा कि इस पर बहस की जाए, पर सरकार ने डिबेट से मना कर दिया। हमें संसद में नहीं बोलने दिया गया। देश के 60% लोगों की आवाज नहीं सुनी गई। संसद में हमें नहीं सुना गया इसलिए हम लोग यहां आए हैं। राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई। उनसे धक्का-मुक्की की गई। प्रधानमंत्री मोदी देश और देश की आत्मा को बेच रहे हैं।
पेगासस पर बहस से भाग रही सरकार: राहुल
हमने सरकार से पेगासस पर बहस करने के लिए कहा लेकिन सरकार ने मना कर दिया। हमने संसद के बाहर किसानों का मुद्दा उठाया लेकिन सरकार ने हमारी आवाज नहीं सुनी।
संसद में कल मार्शल लॉ लगाया गया था: संजय राउत
हमने कल लोकतंत्र की हत्या होते देखी, राज्यसभा में कल जिस तरह से प्राइवेट लोगों ने मार्शल की ड्रेस में आकर हमारे सांसदों पर हमला करने की कोशिश की। ये मार्शल नहीं थे, संसद में मार्शल लॉ लगाया गया था।
मैं किसी को दोष नहीं देना चाहता: एचडी देवेगौड़ा
पूर्व पीएम और जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) के अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि मैं किसी को दोष नहीं देना चाहता लेकिन सदन को काम करना चाहिए। नवंबर में आगामी सत्र में संसद की कार्यवाही चलाने के लिए दोनों पक्षों के सभी वरिष्ठ नेताओं को एक साथ आना चाहिए।
सरकार चर्चा से भाग रही है: शशि थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि केंद्र संसद की कार्यवाही ठीक से नहीं चलाना चाहता। सरकार बिना चर्चा के कानून पारित कर रही है। कोरोना टीकाकरण, वर्तमान आर्थिक स्थिति, बेरोजगारी, कृषि कानूनों पर चर्चा होनी चाहिए लेकिन सरकार भाग रही है।
संसद चलाने को लेकर मोदी, शाह और सोनिया मिले
लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं की बैठक बुलाई। बिड़ला के कक्ष में हुई इस बैठक का मकसद संसद चलाने के मुद्दे पर एक राय बनाना था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी मौजूद रहे। बिड़ला ने कहा था कि जिस ढंग से कुछ सांसदों ने व्यवहार किया, वह ठीक नहीं था। संसद की मर्यादा बनी रहनी चाहिए। इस बारे में सभी पार्टियों को सोचना चाहिए।