कल 21 अप्रैल को आपने बंसवारा, राजस्थान की सभा में बहुसंख्यक समुदाय के लोगों को यह कहते हुए संबोधित किया कि “आपकी संपत्ति कांग्रेस, जो ज्यादा बच्चे पैदा कर रहे हैं, उन्हें देने जा रही है !” और आपने अपने मुख्यमंत्री के काल में गुजरात दंगों के विस्थापित शिबिरो को भी हम पांच और हमारे पच्चीस का जुमला बोला था ( हालांकि सभी विस्थापित लोगों के परिवार के सदस्यों की हत्या से लेकर, उनके महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाओं के बावजूद ! आपने उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है ! )
यह बोलते हुए कांग्रेस के उपर हमला किया ! इसके पहले कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र को मुस्लिम लीग का घोषणापत्र बोला है ! और दानिश अलि के आमरोहा की चुनावी सभा में , उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को खुले मंच से कहा कि “यह आदमी मुझे लोकसभा में दिखना नहीं चाहिए !”
मुझे बहुत अच्छी तरह से याद है, नरेंद्र मोदीजी आपने भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद 15 अगस्त 2014 के अपने लालकिले के पहले संबोधन में कहा था कि “मै संपूर्ण देश की जनता को टिम इंडिया मानता हूँ ! और उनके सभी के विकास के लिए मुझे जो भी करना संभव है मै करुंगा ! और आपके लालकिले के संबोधन के तुरंत बाद, मैंने नागपुर के ‘आवाज इंडिया’ टीवी के संबोधन में जीवन मे पहली बार आपके किसी घोषणा का खुलकर समर्थन किया ! मैंने सबसे पहले आपका का अभिनंदन करते हुए कहा कि “हालांकि आप उम्र के 17 साल के थे ! तबसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे हैं ! और आपको अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ द्वेष करने के लिए, विशेष ट्रेनिंग संघ की शाखा में कदम कदम पर दी गई है ! इसलिए आपका सांप्रदायिक होने के प्रवास से मै भलीभांति परिचित हूँ !
लेकिन अब आप 135 करोड़ आबादी वाले भारत, जिसमें एक चौथाई हिस्सा अल्पसंख्यक समुदायों का है ! और यह जनसंख्या अमेरिका या यूरोपीय देशों की जनसंख्या से भी अधिक है ! इसलिए आपको अच्छा लगे या नही लगे, लेकिन आप अभी देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान हुए हैं ! तो आपको सभी के हित में काम करना होगा ! और आपने मई में शपथ ली ! और सौ से भी, कम दिनों में राष्ट्र के संबोधन में, लालकिले से 135 करोड़ आबादी हमारी टिम इंडिया है ! और हमें सभी को मिलजुल कर हमारे देश के विकास में योगदान देना है ! और वह चुनाव भी आपने ‘सबका साथ सबका विकास’ यह नारा देकर ही जित हासिल की थी !
लेकिन दस सालों के आपके कार्यकाल में, आपने सिर्फ चंद धन्नाराम सेठों की, और खुद के दल की तिजोरियों को भरने के अलावा कुछ भी नहीं करने की वजह से ! ( तथाकथित चुनावी बॉंड )
अभी आप दोबारा अपने संघ में सिखे हुए, सांप्रदायिक घृणा फैला कर ध्रुवीकरण करने के लिए, कभी मुस्लिम समुदाय के बच्चों को लेकर टिप्पणी करते हो ! तो कभी भरी लोकसभा में आपके दल के सदस्य दानिश अलि को कटवा और असंसदीय गालीबकने के बावजूद! आपने उसके उपर कारवाई करना तो दूर की बात है ! उल्टा अभी दानिश अलि के मतदाता संघ आमरोहा में, भडकाकर कहा कि “यह आदमी मुझे संसद में दिखाई नहीं देना चाहिए !” इस व्यक्तव्य का मतलब एकाधा नथूराम गोडसे की मानसिकता का आदमी कुछ भी कर सकता है ?
वैसे ही आपने दक्षिण भारत में राहूल गांधी के बारे में भी कहा कि इसे घर भेज दो ! क्यों भाई लोकसभा आपकी प्रायवेट जागिर है ? कि आपके मनमें आया तो राहुल गांधी की सदस्यता खत्म करने से लेकर विपक्ष के डेढसौ से अधिक सदस्यों को भी सदन से बर्खास्त करने की कृतियों को देखकर लगता है, कि संसद को आपने अपने खुद की जागिर समझ रखी है ?
गुजरात में पहली बार आप चुनाव के माध्यम से विधायक बने और उसके बाद मुख्यमंत्री ! और उसी चुनाव के द्वारा पहली बार 2014 और 2019 और अभी भी लोकसभा में जाने की कोशिश कर रहे हो ! लेकिन विरोधियों को शत्रुओके जगह दिखा कर आप अपने अलोकतांत्रिक मानसिकता का परिचय दे रहे हो !
और सबसे संगिन बात हमारे देश के सर्वोच्च न्यायालय की भाषा में, बगैर कान, मुख और आंख की वजह से अंधे बने हुए! चुनाव आयोग को आपके और आपके दल के अन्य सदस्यों के भडकाऊ भाषण नही सुनाई दे रहे है ! और नहीं दिखाई दे रहे हैं ! क्योंकि जब आप अपनी मनमर्जी के चुनाव आयोग का गठन करोगे तो वह भी आपके दल की इकाइयों जैसे ईडी, सीबीआई, एनआरआई के जैसा ही व्यवहार करेंगे !
अभी कुछ दिन पहले रशिया में भी चुनाव हुए ! और पुतिन ने चुनाव में पांचवें बार बहुमत से चुनाव जीत लिया ! ( जीत लिया ! ) शब्द मैंने जानबूझकर इस्तेमाल किया है ! जिस तरह से सौ वर्ष पहले जर्मनी में हिटलर भी चुनाव के माध्यम से ही चुनाव जितता था ! यहुदी धर्म के लोगों के खिलाफ अनर्गल बोलते हुए, उसके पहले उसने जर्मनी के संपूर्ण विरोधी दलों के नेताओं के दफ्तरों पर अपने लोगों द्वारा हमले करवा कर, उनकी हत्या करने से लेकर, उन्हे झुठे आरोपों में जेल में बंद करके ! और संपूर्ण मिडिया को अपनी डफली बजाने के लिए मजबूर कर के ! अपने विरोधियों को जर्मनी के विरोधी शत्रु कहकर ! और चुनाव में धांधली करते हुए! तथाकथित चांसलर का पदग्रहण करता था ! आज पिछले दस सालों से भारत में आप हूबहू वहीं मॉडल दोहरा रहे हैं !
शायद कांग्रेस के इतिहास का इतना जनमुखी चुनावी घोषणा पत्र पहली बार घोषित किया गया ! जिसे आपने मुस्लिम लीग का घोषणापत्र कहा है ! ( जब कि केरल के चंद हिस्से में छोडकर ) मुस्लिम लीग का अस्तित्व भारत में नहीं बचा है ! और उसके बावजूद उसे मुस्लिम लीग का घोषणापत्र बोलना, दानिश अलि के उत्तर प्रदेश के आमरोहा मतदाता संघ में भाजपा के उम्मीदवार के प्रचार सभा में आप माईक से आमरोहा के मतदाताओं को भडकाकर कह रहे, कि “यह आदमी मुझे लोकसभा में दिखाई देना नहीं चाहीये !” जो कि पिछली लोकसभा में आप के दल के किसी दुबे ने दानिश अलि को असंसदीय भाषा में गालिगलोज की ! और उस सदस्य के उपर नही पिठासिन अध्यक्ष ने कोई कार्रवाई की ! और न ही आपके दल ने !
आप खुद चुनाव के वजह से ही गुजरात के 2001 में मुख्यमंत्री पदपर तीन बार प्रतिष्ठित हुए थे ! और अभी भी दो बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में चुनाव के माध्यम से ही प्रतिष्ठित हुए हैं ! लेकिन आपके अंदर जनतांत्रिक मन नही है ! क्योंकि आपको विरोधी दलों के लोग शत्रु नजर आते हैं ! जो हिटलर या पुतिन को भी नजर आते हैं ! और राहुल गांधी या दानिश अलि जैसे सदस्य, आपके गलत नितियो के खिलाफ बोलने वाले लोगों को आप बेतहाशा नफरत करते हो ! यहां तक कि सिर्फ मोदी नाम केही लोग क्यों होते हैं ? इतनी सी टिप्पणी पर और वह भी किसी जनसभा को संबोधित करते हुए !
अरे भाई आपके चुनावी सभाओं से लेकर लोकसभा में मिमिक्री करते हुए बोलने के ऑडियो रेकॉर्ड मौजूद रहते हुए ! आप दुसरे सदस्यों के संविधान से निष्कासित करने से लेकर उनके खिलाफ किस स्तर से बोलते हो ? जो अबतक के सभी प्रधानमंत्रियों के भाषण और आपके भाषणों को देखकर लगता है ! जो हमारे देश की किसी ग्रामपंचायत के मुखियाओं से भी, असभ्य और तिरस्करणीय होता है ! आप भूल जा रहे हो कि आप 145 करोड़ आबादी वाले देश के प्रधानमंत्री हो ! और तिसरी बार बनने की कोशिश कर रहे हो ! आप ही सोचिए आप खुद एक तरफ विश्व के मंचपर बोलते हुए भारत के लोकतंत्र को “विश्व के लोकतंत्र की मांँ !” तक बोलते हो ! और भारत में चुनाव से लेकर संसद सदन के भितर बोलते हुए आप उसी लोकतंत्र की मां की इज्जत का भाजीपाला करते हो ! क्या देश के प्रधानमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे हुए को यह शोभा देता है ?