हिंदू कभी भी अपने भारत विरोधी नहीं हो सकते ! इति मोहन भागवत !!!!!
यह बयान आजके अखबारों में है श्री जे के बजाज और श्री एम डी श्रीनिवास के संयुक्त तत्वावधान में लिखी गई मेकिंग ऑफ ए हिन्दू पैट्रियट:बैकग्राउंड ऑफ गाँधीजीस हिंदस्वराज नामके किताबके लोकार्पण समारोह दिल्ली में शुक्रवार याने इस वर्ष के पहले दिन एक जनवरी 2021 का वक्तव्य में मोहन भागवत जी ने कहा कि गांधी जी को अपने ढंग से परिभाषित करने की कोशिश की है! लेकिन महापुरुषों को कोई भी अपने हिसाब से परिभाषित नहीं कर सकता ! और यह बात वह खुद ही कह रहे हैं ! और परिभाषित भी कर रहे हैं ! और वह भी महात्मा गाँधी जी के नाम पर बोल रहे हैं ! इसके पहले भी मोहन भागवत जी ने पाँच साल पहले मंदसौर के कार्यक्रममें गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की स्वदेशी समाज किताब के हवाले से कहा था कि रवींद्रनाथटैगोर हिंदू राष्ट्र के हिमायती रहे हैं ! और मैंने उसपर भी विस्तार से रवींद्रनाथ टैगोर हिंदू राष्ट्रके हिमायती होना तो बहुत दूर की बात है वे राष्ट्रवाद के ही खिलाफ थे ! यह बात मैंने हिंदी, अंग्रेजी और मराठी तिनों भाषाओमे विस्तृत जानकारी देकर लिखा है ! और अभी विश्वभारती विश्वविद्यालय की शताब्दी के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ऑनलाइन संबोधन में कहा था कि विश्व भारती आजादी के आंदोलन मे राष्ट्रवाद के प्रेरणा स्रोत रहा है और रवींद्रनाथ टैगोर उसके पुरोधा रहे हैं !
मुझे मालूम है कि मोहन भागवत जी एक विशाल राष्ट्रव्यापी संगठन के प्रमुख पद पर है और अति कार्यबाहुल्यता के कारणों से उन्हें पढने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता होगा ! वैसे भी मैने गौर किया है कि काफी लोग किसी किताब के विमोचन करने के पहले उस किताब को पढकर नहीं बोलते हैं ! मै खुद ऐसे कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बोला हूँ कि आज जिनके हाथ से किताब का विमोचन हुआ है मै उनकी प्रतिभा को सलाम करता हूँ कि आप सिर्फ किताबों को हाथ लगाकर बोले है !
लेकिन मैंने भी एक राष्ट्रीय संगठन की प्रमुख पद की जिम्मेदारी का वहन किया है और अगर मेरे तरफ से किसी विशेष विषयपर अध्ययन नहीं हो सका तो मैंने नम्रतापूर्वक कहा है कि इस विषयपर मेरा अध्ययन नहीं है और इसलिए इसपर मैंने बोलना ठीक नहीं है ! लेकिन मैंने शुरू से ही संघ के लोगों को देखा है और वह पढने के बारे में कहते हैं कि हम संघ के स्वयंसेवक पढने की आवश्यकता महसूस नहीं करते हैं और इसके सबसे बड़े उदाहरण वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को भी हम शुरू से ही देख रहे हैं वह भी बगैर पढे सिकंदर से लेकर रवींद्रनाथ टैगोर तक जो भी बोले है एकदम गलत ! हालाँकि भारत के इतिहास में शायद वह पहले ही प्रधानमंत्री होंगे जो ज्यादातर विषयपर बगैर किसी जानकारी के बावजूद बहुत ही आत्मविश्वास से और जोर देकर झूठ बोलते हैं !
उदाहरण के लिए डिटेंशन सेंटर को लेकर रामलीला मैदान की जनसभा में वह कह गए थे कि भारत में एक भी डिटेंशन सेंटर बना नहीं लेकिन विरोधियोंकी तरफ से लोगों को गुमराह किया जा रहा है और वह झूठमूठ ही डिटेंशन सेंटर की बातें फैला रहे हैं ! जो की मै खुद आसाम में सितम्बर 2018 के 23 तारीख को एक डिटेंशन सेंटर जो गोअलपारा से 23 किलोमीटर की दूरी पर मटियाकदमतला नाम की जगह पर 48 करोड रुपये की लागत से भारत के गृह मंत्रालय की तरफ से निर्माण कार्य चल रहा है और मैंने उसके फोटो भी लीये है ! अब संघ के स्वयंसेवक और उम्र के सत्रह साल के थे तबसे प्रचारक बने हुए जो शायद अपनी उम्र के सबसे बेहतरीन समय दिया है और वह आज देश के सर्वोच्च शिखर पर आने के बाद अपनी प्रतिभा का जो प्रदर्शन कर रहे हैं और वही बात संघ के सर्वोच्च शिखर पर बैठे हुए मोहन भागवत जी भी अपनी प्रतिभा का जो प्रदर्शन कर रहे! क्या दोनों में स्पर्धा तो नहीं चल रही ? की कौन सबसे ज्यादा गलत बयानी करता है !
मेरे 50 साल से भी ज्यादा समय हो रहा है सार्वजानिक क्षेत्र में काम करने का और मैंने इसके पहले भी लिखा-बोला है कि संघ जैसे रेजिमेंटेड संघटन के लोगों को आर्मी, पुलिस फोर्स की जैसी ट्रेनिंग दी जाती है और वह विचार करना और उसके लिए पढने की मेहनत करने की आवश्यकता महसूस नहीं करते हैं!और इस तरह की गलत बयानी करते हैं और उनके अनुयायियों को भी उनके वरिष्ठ लोगों के द्वारा कही गई बात वेद वाक्य लगती है!और वह भी गलत जानकारी के शिकार होने के कारण आज यह दिन देखने पड रहे हैं !
लेकिन सवाल उनके अग्यानी होनेका नहीं है संपूर्ण देश आज ऐसे जाहिलों के कब्जे में चला गया है और उस कारण हमारे देश के सभी क्षेत्रों की आर्थीक,शैक्षणिक, कृषि का उदाहरण ताजा-ताजा जारी है और हमारी विरासत की सभी संविधानिक संस्थाओं दुर्गति हो रही है जो आने वाले कितने बडे संकट से देश को जाना पडेगा वह समय ही बताएगा !
जिन्हें स्वातंत्र वीर की उपाधि से संबोधित किया जाता है वह श्री विनायक दामोदर सावरकर अंदमान की जेल से बाहर आने के लिए ब्रिटेन की महारानी को माफी मांगने के लिए और मैं ब्रिटिश साम्राज्य की मजबूती के लिए विशेष रूप से जेल से बाहर आने के बाद अपनी सेवाएं प्रदान करने की बात खतमे लिखनेवाले को क्या कहेंगे क्या उसके बाद 1947 के 15 अगस्त तक उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के लिए क्या काम किया ? उल्टा उन्होंने अपने महारानी को माफी मांगने के लिए लिखा खतके अनुसार अंग्रेजोंके युद्ध प्रयत्नों में मददगार साबित होने के लिये युद्ध भरती की है और भारत छोड़ो आंदोलन के समय जब कांग्रेस के लोगों को जेल में डालने के लिए विशेष रूप से बंगाल के मुस्लिम लिग सरकार में शामिल होकर कौनसे भारत की सेवा की है ?
उसी तरह 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन को कुचलने के लिए क्या-क्या करना चाहिए यह सुझाव देने के लिए पत्र लिखने वाले मुस्लिम लिग के बंगाल सरकार मे वित्तमंत्री महोदय श्यामाप्रसाद मुखर्जीको क्या कहेंगे ? और श्यामाप्रसाद मुखर्जीमोशाय सिर्फ शामिल नहीं थे उन्होंने तत्कालीन व्हाईसराय को खत लिख कर भारत छोड़ो आंदोलन कोकुचलने के लिए हम हरसंभव प्रयास करने का आश्वासन दिया था जो बाद में जनसंघ नाम के राजनीतिक दल के संस्थापक अध्यक्ष बने थे !
उसी तरह मालेगाँव विस्फोट से लेकर समझौता एक्सप्रेस, मक्का मस्जिद, लुम्बिनी पार्क और गोकुल चाट यह हैद्राबाद के ठिकानों पर तथा अजमेर शरीफ, नांदेड मे बम विस्फोट में शामिल लोगों को क्या कहेंगे ? अभिनव भारत नाम पर संघटन बनाकर और उसमें भारत की सेना मे रहते हुए अफसर ! एक मोहतरमा तो अब भोपाल से राष्ट्रवाद के नाम पर विरोधी लोगों को गाहे बगाहे कोसने वाले बीजेपी की तरफ से संसद सदस्य बन कर और महात्मा गाँधी जी के हत्यारे को देशभक्ति का सर्टिफिकेट देनेवाली प्रग्या सिंह के बारे मे भी आप हिंदु कभी भी अपने भारत विरोधी नहीं हो सकते ही कहोगे ? क्योंकि यह सबके सब सिर्फ हिंदू नहीं है हिंदुस्तान मे कई-कई आतंकवादि घटनाओं को अंजाम देने वाले तथाकथित हिंदू संगठन के ही लोग है क्योंकि इनमेसे ज्यादातर घटनाओं की जाँच करने वाले लोगों में से एक मै भी हूँ !
आसामका नेल्ली जनसंहार का रिपोर्ट एस आर दारापूरी आई पी एस उत्तर प्रदेश केडर के अफसर खुद इलेक्शन ड्यूटी पर उस समय वहाँ थे ! 1982 और वह साफ-साफ लीख रहे हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के भाषण के कारण नेल्ली जनसंहार हूआ है ! वह भी सिर्फ सात घंटे के भीतर ! पाँच से छ हजार लोगों को मारने का काम किया है और यह भी कांडपर आप क्या कहेंगे ?
अब पुणे एल्गार परिषद के भाषण के बाद भिमा कोरेगाव का दंगा हुआ ऐसा तत्कालीन सरकार जो की बीजेपी की थी ! और आज एक दर्जन से अधिक लोग उस कारण जेल में है ! लगभग तीन साल होने जा रहा है ! यह सभी हिंदू ही है और इन्हें देशद्रोह के आरोप में दो सालसेभी ज्यादा समय हो रहा है और वह अभी तक जेलो मे बंद है और सभी उच्चविद्यिविभूषित लोग है ! और उन्हें इस आरोप में जेल में डालनेका काम करने वाले आपके स्वंयसेवक देवेंद्र फडणविस की सरकार ने किया है ! अब इनमें कौन भारत माँ के सपूत है और कौन है नहीं यह निर्णय आप ही किजीए!
उसी तरह गुजरात कैडर के पुलिस अफसर संजीव भट्ट को पांच साल से भी ज्यादा समय हो रहा है जेल में है ! क्योंकि उन्होंने गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी जी की भुमिका को लेकर सत्य बात बताई है कि नरेंद्र मोदी जी ने 27 फरवरी 2002 की शाम को गुजरात केबिनेट की बैठक में साफ तौर पर कहा था कि कल से गुजरात में जो भी कुछ होगा उसे रोकना नहीं है ! और वह क्या हुआ यह मै निचले पैराग्राफ़ में तफसील से दे रहा हूँ !
27 फरवरी की गोधरा के साबरमती एक्सप्रेस के एस 6 कोच में आग लगा दी थी ! और 59 लोग मारे गए और उनकी अधजली बाॅडिज को तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गोधरा कलक्टर के विरोध के बावजूद उन शवोको विश्व हिंदू परिषद के लोगों को खुले ट्रकों पर उनके शवोको अहमदाबाद के सडकोपर जुलूस निकालने के लिए विशेष रूप से सौपने का काम किया है ! और उसी श्याम गाँधीनगर के कैबिनेट मिटिंग में कलसे गुजरात मे जो भी कुछ होगा उसे रोकने के लिए मनाही की है और उस घटना के साक्षी संजीव भट्ट ने यही बात उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने मंत्रीमंडल की मीटिंग में कानून व्यवस्था के जगह संपूर्ण गुजरात को दंगों में झोंक दिया है !
28 फरवरी की शाम को ही भारतीय सेना के 3000 जवान अहमदाबाद एयरपोर्ट पर तीन दिनों तक रोक दिये गये ! जो की दंगा रोकने के लिए विशेष रूप से लेफ्टिनेंट जनरल जमीरुद्दींन शाह के नेतृत्व में भेजे गए थे और यह बात उन्होंने अपने सरकारी मुसलमान नामकी किताब मे लिखा है ! और यू-टयूब पर भी उनका इंटरव्यू में कहा है कि हम 28 फरवरी की रात खुद अपने साथ लाये हुए जिप्सी पर लोकल गाईड और ड्राइवर को लेकर अहमदाबाद एयरपोर्ट से मुख्यमंत्री आवास पर रातके दो बजे पहुंचे तो देखा मुख्यमंत्री और रक्षामंत्री जाॅर्ज फर्नांडीज दोनों खाना खा रहे थे और मुझे देखते ही जाॅर्ज फर्नांडीज ने मुझे तपाकसे कहा कि आप बहुत सही समय पर आ गये और अब आप गुजरात के दंगों को रोकने के काम में लग जाइये !
तो मैंने कहा कि मै तीन हजार जवान लेकर श्यामसे अहमदाबाद के एयरपोर्ट पर उतरकर अहमदाबाद के कलक्टर, कमिश्नर और गुजरात के गृह सचिव, चीफ सेक्रेटरी तक बात कर चुका हूँ और मुझे कहीसेभी लोजेस्टीक नहीं मिला तो अंतिम उपाय के लिए मुख्यमंत्री आवास पर रातके दो बजे पहुंचा हूँ !
क्योंकी मैंने विमान से उतरने के पहले उपर से देखा हूँ कि लगभग पूरा गुजरात जल रहा है ! तो आप मुख्यमंत्री साहबान से कहिये की वह हमे मजिस्ट्रेट और लोजेस्टीक देने की व्यवस्था करे ! और जाॅर्ज फर्नांडीज ने नरेंद्र भाई जनरल जमीरुद्दींन शाह को यह सब दीजीए! की बात मेरे सामने की है!और मैं वापस आकर 2 मार्च तक हमें सिर्फ अहमदाबाद एयरपोर्ट पर तीन दिनों तक निट्ठल्ले बैठे रहना पडा! और इन तीनों दिन संपूर्ण गुजरात मे क्या-क्या कांड हुए यह सबकुछ सामने आया है ! कि यह सबकुछ किसकी शहसे हुआ है ? और कौन-कौन लोग इसके लिए विशेष रूप से जिम्मेदार है !और मोहन भागवत जी दंगों में शामिल होने वाले से लेकर लाॅअॅण्ड ऑर्डर सह्माल्ने वाले ज्यादातर लोग हिंदू ही थे ! इन्हें भी आप हिंदु कभीभी भारत विरोधी काम नहीं करने वाले कहोगे ?
इस विषयपर राना आयुब ने गुजरात फाइल्स, आर बी श्री कुमार ने गुजरात बिहाइंड कर्टन, सिद्धांर्थ वरदराजन, मनोज मित्ता, और गुजरात दंगों पर जस्टिस कृष्णा अय्यर जी के नेतृत्व में क्राईम अगेन्स्ट हुमानीटी नामका विस्तृत जानकारी वाला रिपोर्ट छ सौ पन्ने की उपलब्ध है और उस कमिटी के सभी सदस्य हिन्दू ही है !
एनडीटीवी, आजतक, और प्रिंट मीडिया में भी काफी कुछ आया है इसके अलावा दर्जनों एन जी ओके भी रिपोर्ट और इंडिया टुडे, फ्रंटलाइन, तहलका, कारवांन, न्यूज़वीक जैसे पत्रिकाओं में प्रकाशित हुआ है ! और अंग्रेजी, हिंदी, और देश की सभी प्रमुख समाचार पत्रों में आई हुई जानकारी के रहते हुए नरसंहार के अपराधीयोको सजा होना तो दूर उल्टा उनके राजनीतिक करियर बनाने के लिए विशेष रूप से इस कांड का उपयोग किया गया है और सबकेसब हिंदू ही है ! 56 इंची छाती का जुमला इसी जघन्य कृत्य के बाद उछाला गया ! और वह आजकल अपने आप को हिंदू ह्रदय सम्राट कहलाता है ! क्या आपकी नज़र मे यह आदमी भारत विरोधी है ऐसा नही लगता ?
तो भिमा कोरेगाव के लिए एक न्याय और नेल्ली जनसंहार से लेकर गुजरात जनसंहार के लिए जिम्मेदार लोगो को दुसरा न्याय क्यो ?
मैंने खुद एक सप्ताह के भीतर ही 8 जनवरी को भीमा कोरेगाव,शिक्रापूर, वढूबूद्रूक,दोनों गाँव में एक संपूर्ण दिवस अपने साथियों के साथ जाँच करने के बाद मैंने अपने रिपोर्टिंग मे सब तथ्य रखे हुए हैं और वह रिपोर्ट मेनस्ट्रिम नाम के साप्ताहिक पत्रिका में 23 जनवरी 2018 के अंक में छपी है ! और वह रिपोर्ट हमारे देश के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश चंद्रचूड़ जी ने अपने डिसेंट जज्मेंट मे शब्दशः कोट किया है !
उसी तरह उस रिपोर्ट को लेकर पुणे के कोर्ट में और मुम्बई हाईकोर्ट मे भी इस्तेमाल किया है और उसके कारण एकबोटे के जमानत पर रिहा होने की बात टली है ऐसा मुझे एक वकील साहब ने अदालत में से ही फोन कर के बताया है !
और यह सब लोग भी हिन्दू ही है तों आपको नजर में इनमेसे कौन भारत के खिलाफ है और कौन नही है ? या कोई भी हिन्दू कभीभी भारत विरोधी काम नहीं करने की बात भले आपने महात्मा गाँधी के नाम पर कहा है लेकिन बात तो आपने और अब अंतिम बात डॉ नरेंद्र दाभोलकर, काॅ गोविन्द पानसरे, गौरी लंकेश और प्रोफेसर कल्बुर्गी के हत्यारों को भी आप हिंदु कभी भी अपने भारत विरोधी नहीं हो सकते ही कहोगे?
डॉ सुरेश खैरनार