कई सालों के बाद कश्मीर को ऐसे राज्यपाल मिले हैं जो मूल रूप से नेता हैं. रिटायर्ड प्रशासनिक या सैन्य अधिकारियों से इतर राजनेता के इस पद पर आने के कई मायने निकाले जा रहे थे लेकिन उससे इतर सूरते-हाल कुछ और ही है. बतौर राजनेता घाटी के हालातों को अच्छी तरह निपटाने के, उनका वक्त अपनी फिसलती जुबान को संभालने में ही जा रहा है. दरअसल, वे कई बार अपने आश्चर्यजनक बयानों के कारण घिर चुके हैं.
हाल ही में उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि विदेश से शिक्षा प्राप्त कर चुके उच्च शिक्षित व्यक्ति को ही श्रीनगर का मेयर बनाया जाएगा जबकि अभी जम्मू-कश्मीर के निकायों के चुनाव होने में वक्त है. ये सुनकर सब दंग रह गए कि निकाय चुनाव से पहले ही राज्पाल को ये कैसे पता चल गया कि श्रीनगर का मेयर कौन बनेगा.
दिलचस्प बात ये है कि श्रीनगर में जुनैद नाम के एक युवा नेता ने निकाय चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरा है. जुनैद इन चुनावों में भाग लेने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं, जो विदेश से शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं. जुनैद इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल थे, लेकिन निकाय चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा दिया और भाजपा समर्थित पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के टिकट पर निकाय चुनाव लड़ा.
जाहिर है कि राज्पाल सत्यपाल मलिक ने विदेश से शिक्षा पाने वाले जिस शख्स का हवाला देकर कहा था, वो जुनैद ही थे. राज्पाल की चूक पर मीडिया और सोशल मीडिया पर एक हंगामा खड़ा हुआ, जिसे ठीक करने की कोशिश में राजभवन से एक बयान जारी किया कि राज्यपाल की बात को प्रसंग से हटकर पेश किया गया है. बहरहाल, राजभवन के इस बयान पर किसी ने यकीन नहीं किया. क्योंकि राज्यपाल के इंटरव्यू का वीडियो मौजूद था. वैसे भी जम्मू – कश्मीर में एक आम तासुर है कि हां दिल्ली की मर्जी से शासक चुने जाते हैं.
पाकिस्तान भैंस और कार बेचकर देश चला रहा है
इसी तरह हिंदुस्तान टाइम्स को दिए गए एक ताजा इंटरव्यू में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने अपने शासनकाल में हुर्रित नेताओं से कहा था कि वो नई दिल्ली के साथ कोई एग्रीमेंट करके मामले को निपटाएं.
क्योंकि भारत एक सुपर पावर है और पाकिस्तान उसे हरा नहीं सकता है. ये बयान इन दिनों घाटी के सियासी हलकों में बहस का विष बना हुआ है. जबकि सीनिर हुर्रित नेता मीरवाइज उमर फारुख ने इस बात का खंडन किा है कि मुशर्रफ ने हुर्रियत लीडरों को इस तरह की कोई बात बताई थी. पाकिस्तान से संबंधित एक और बयान देते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 31 अक्टूबर को कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान भैंसे और कारें बेचकर देश चला रहे हैं.
राज्यपाल का कहना था कि पाकिस्तान में बहुत मायूसी है. उनके यहां इतनी समस्याएं हैं कि वे भैंसे और कारें बेचकर देश चला रहे हैं. उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले महीने अपना ओहदा संभालने के बाद एक मुहिम चलाई थी, जिसके तहत महंगी गाड़ियां और वजीरे आजम हाउस में रखी गईं आठ भैसें नीलामी में बेची गईं थीं.