बीजेपी के सहयोगी दल जेडीयू ने साफ किया कि वह NPR के सख्त खिलाफ, NPR का किसी भी तरह से इस्तेमाल NRC में नहीं होगा नई दिल्ली: नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानी NPR के तहत इकट्ठी की गई जानकारी का इस्तेमाल क्या देश में NRC तैयार करने के लिए किया जा सकता है? इस अहम सवाल पर राजनीतिक बहस तेज हो रही है.

गृह मंत्री अमित शाह के आश्वासनों के बावजूद बीजेपी के सहयोगी दल जेडीयू ने बुधवार को कहा कि सरकार इस पर उठ रहे सवालों पर स्थिति साफ करे. मंगलवार को NPR को कैबिनेट की मंज़ूरी के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि एनआरसी और एनपीआर दोनों बिल्कुल अलग-अलग चीज़ हैं, एक-दूसरे से कोई वास्ता नहीं है और एनपीआर के लिए जानकारी देने या न देने के लिए लोग स्वतंत्र हैं. लेकिन उनके स्पष्टीकरण के बावजूद NPR को अपडेट करने के फैसले के बाद बहस तेज हो रही है कि भविष्य में कहीं इसके डेटा का इस्तेमाल NRC के लिए तो नहीं होगा?

इस आशंका के बीच बीजेपी के सहयोगी जेडीयू ने बुधवार को साफ किया कि वह NPR के सख्त खिलाफ है और NPR का किसी भी तरह से इस्तेमाल NRC में नहीं होगा. इसको लेकर गृह मंत्री को स्थिति और साफ करनी चाहिए. जेडी-यू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने एनडीटीवी से कहा कि “नेशनल पापुलेशन रजिस्टर और एनआरसी को लेकर जो लोगों ने सवाल उठाए हैं उस पर गृह मंत्री को और स्पष्ट करने की आवश्यकता है.

जनता दल यूनाईटेड एनआरसी के विरुद्ध अपनी राय जाहिर कर चुकी है और नीतीश कुमार ने कैटेगरीकली इसका विरोध किया है. एनआरसी बिहार में लागू नहीं किया जाएगा. हमें लगता है कि धर्म और जाति के आधार पर अगर कोई नई जानकारियां हासिल करने के प्रयास होते हैं तो सरकार को मुस्तैदी से इसका जवाब देना चाहिए. हम एनआरसी के तहत एनपीआर की किसी कार्यवाही को उचित नहीं मानते.” दरअसल अमित शाह के दावों से उलट मोदी सरकार के मंत्री पिछले करीब साढ़े पांच साल में संसद में दिए गए बयानों में नौ बार एनपीआर और एनआरसी को लिंक कर चुके हैं. यह अहम है कि 23 जुलाई 2014 को तत्कालीन गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने राज्यसभा में लिखित जवाब में साफ शब्दों में कहा था कि सरकार ने सभी व्यक्तियों के नागरिकता स्टेटस को वेरिफाई करके NPR स्कीम के तहत जो जानकारी इकट्ठी की है उसके आधार पर एक नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिज़न्स तैयार करने का फैसला किया है.

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अब AIMIM के अध्यक्ष असद्दुदीन ओवैसी का आरोप है कि NPR बनाना NRC की तैयारी का पहला क़दम है. ओवैसी ने अपनी बात रखने के लिए पांच ट्वीट करते हुए कहा है कि NPR भारतीय नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर की ओर पहला क़दम है जो राष्ट्रव्यापी NRC का ही दूसरा नाम है. उनके मुताबिक NPR भारत में रहने वाले सभी ‘सामान्य निवासियों’ का इकट्ठा किया आंकड़ा है. 2003 के नागरिकता नियमों के मुताबिक, नागरिकों को गैर नागरिकों से अलग करने के बाद भारतीय नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर पेश किया जाना है.

कन्हैया कुमार ने ट्वीट कर कसा तंज, NRC और NPR में उतना ही फर्क है जितना गंगाधर और शक्तिमान में…

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