दो हफ्ते में चार बड़े बैंक घोटाले सामने आने के बाद अब केंद्र सरकार की नींद टूटी है. केंद्र सरकार ने सरकारी बैंकों के एमडी को 50 करोड़ से ज्यादा के सभी एनपीए की जांच के आदेश दिए हैं. वित्तीय सेवा विभाग के सचिव राजीव कुमार ने यह जानकारी दी है.

अगर बैंकों को लगता है कि कोई लोनकर्ता फ्रॉड कर रहा है या जान-बूझकर कर्ज नहीं लौटा रहा है, तो इसकी शिकायत तुरंत सीबीआई से की जाएगी. बैंकों को संचालन में आने वाली जोखिम और अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के भी निर्देश दिए गए हैं. उम्मीद है कि बैंक अधिकारियों की जवाबदेही तय होने से अब दस्तावेजों की जांच-परख के बाद ही किसी को लोन दिए जाएंगे.

अभी तक यह होता था कि बैंक एनपीए को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में भेजकर मामले से अपना पल्ला झाड़ लेते थे. लेकिन अब बैंक व अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी, जिससे बैंक अधिकारी अब लोन देने में सतर्कता बरतेंगे. आरबीआई ने 29 बड़े एनपीए की पहचान कर दिवालिया कानून के तहत कार्रवाई करने के संबंध में आदेश दिए हैं.

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