noteban-narendra-modiनोटबंदी पर सरकार की घोषणा के 50 दिन पूरे होने वाले हैं. अभी तक बैंकों व एटीएम में लाइन कम नहीं हुई है. ब्लैकमनी, फेक करेंसी के बाद अब सरकार बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई करने जा रही है. कैशलेस इकोनॉमी के परिणाम तो अभी दीर्घावधि में दिखेंगे, लेकिन यह जानना जरूरी है कि सरकार 2017 में क्या कदम उठाने जा रही है.

सरकार चाहती है कि नई करेंसी तक भ्रष्टाचारियों की पहुंच न हो यानी यह पैसा कालाधन के रूप में जमा न हो सके. इसके लिए सरकार कठोर कदम उठा सकती है. अगर नए नोट भी कालाधन के रूप में जमा होने लगे, तो डीमोनेटाइजेशन की पूरी कवायद आधी-अधूरी साबित होगी. इससे निपटने के लिए सरकार कुछ साल बाद बड़े नोट को चलन से बाहर कर सकती है. हो सकता है कि कुछ साल के बाद 2000 रुपए के नोट भी चलन से बाहर हो जाएं. इसका इशारा आरएसएस के इकोनॉमिस्ट गुरुमूर्ति भी कर चुके हैं.

बैंक कर्मचारियों, दलालों पर नजर

बैंक कर्मचारी अपने वीआईपी कस्टमर्स को फायदा पहुंचाने के लिए आरबीआई के निर्देशों का उल्लंघन भी करते रहे हैं. इतना ही नहीं, दलाल, कमीशन एजेंट और अन्य बिचौलिये भी नोटबंदी के बाद सक्रिय हुए हैं. सरकार इन पर भी सख्त कार्रवाई करने का मन बना चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक बड़ी चुनौती 50 दिन की समयसीमा के बाद इकोनॉमी की रफ्तार बढ़ाने की होगी.

पुराने नोट मिले तो होगी कार्रवाई 

500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बैंक में जमा कराने की आखिरी तारीख में अब 4 दिन ही शेष हैं. जानकारी मिली है कि 30 दिसंबर के बाद पुराने नोट मिलने पर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि 500 और 1000 रुपये के 10 या उससे कम नोट मिले, तो कोई कार्रवाई नहीं होगी. अगर इससे अधिक नोट मिलते हैं, तो 50,000 रुपए या फिर बरामद की गई राशि का 5 गुना जुर्माना लग सकता है.

31 मार्च तक बैंक में जमा करा सकते हैं पुराने नोट 

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने आदेश में कहा था कि 30 दिसंबर के बाद भी लोग 31 मार्च, 2017 तक आरबीआई की शाखाओं में पुराने नोट जमा करा सकेंगे. हालांकि, इसके लिए उन्हें आय का ब्योरा देना होगा.

बढ़ सकती है Aनिकासी की सीमा

30 दिसंबर के बाद सरकार एटीएम से निकासी की सीमा 2500 रुपए से बढ़ाने पर विचार कर सकती है. लेकिन जानकारी मिली है कि बैंकों से एक सप्ताह में 24,000 रुपये तक ही निकालने की सीमा जारी रह सकती है.

 बेनामी संपत्ति पर वार

बेनामी संपत्ति खरीदने वालों पर सरकार शिकंजा कस सकती है. पूरी जानकारी जुटाने के बाद ऐसी संदिग्ध प्रॉपर्टीज पर छापेमारी भी की जाएगी. पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के बाद बेनामी संपत्ति रखने वाले लोगों के खिलाफ अभियान छेड़ने का ऐलान किया है. नेता, कारोबारी और विदेशों में रहने वाले भारतीय टैक्स अदा किए बिना प्रॉपर्टी में निवेश करते हैं. इसके लिए वे रिश्तेदारों और भरोसेमंद कर्मचारियों के नाम पर संपत्ति खरीदते हैं.

 

 

 

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