पिछले 28 सितबंर को 14 महीने की मासूम के साथ दुष्कर्म के मामले में एक बिहारी कामगार का नाम सामने आने पर गुजरातियों का आक्रोश इस कदर फूटा कि पूरे प्रदेश से उत्तर भारतीयों के लोगों को वहां से पलायन करना पड़ रहा है.

गुजरातियों के इस आक्रोश का सबसे ज्यादा असर मेहसाणा, साबरकांठा, अहमदाबाद, अरावली, पाटण, और गांधीनगर जिले में देखने को मिल रहा है. वहीं पुलिस ने इस हिसां में अबतक 342 लोगों को गिरफ्तार किया है.

बता दें कि अभी तक उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्यप्रदेश के 8000 लोग वहां से पलायन कर चुके हैं. वहीं सोशल मीडिया पर भी वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को गुजरात छोड़ देना चहिए, जिसका कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मुंबई इकाई के अध्यक्ष संजय निरुपम ने पूरजोर विरोध किया है.

निरुपम ने उत्तर भारतीयों का गुजरात से पलायन का ठीकरा पीएम मोदी पर फोड़ते हुए कहा कि पीएम मोदी को ये नहीं भूलना चहिए कि वो वाराणासी तो कभी न कभी आएंगे ही, कहीं ऐसा न हो की उन्हें भी बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग वहां से भगा दें.

इसके साथ ही ये भी बताया जा रहा है कि ठाकोर सेना ने गुजरातियों को उत्तर भारतियों को गुजरात में न रहने के लिए बहकाया है. ऐसा माना जा रहा है कि  ठाकोर सेना कह रहे है कि दूसरे राज्यों से आए लोगों को गुजरात में नौकरी पर न रखा जाए.

आइए जानते है क्या कहते है यूपी और बिहार के लोग

यूपी के झांसी से आए अरविंद सिंह राजपूत (26) टाटा मोर्टस के प्लांट में काम करते है. उन्होंने कहा कि अगर रेप का आरोपी दोषी है तो उसे फांसी पर लटका दीजिए, आखिर एक व्यक्ति की सजा पूरे समुदाय को क्यों दी जा रही है.

 

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