पहले अशोक खेमका थे, जिनका कितनी बार तबादला किया गया, उन्हें याद भी नहीं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ा कि राज्य में किसकी सत्ता है, लेकिन अब इस लिस्ट में हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी प्रदीप कासनी का भी नाम जुड़ गया है. हाल में कासनी को राज्य के वित्त विभाग में सचिव के रूप में कार्यभार संभालने के 12 घंटे के भीतर स्थानांतरित किया गया. दो दिन पहले ही उन्हेें विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग से यहां लाया गया था. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग में भी वे महज तीन महीने रह सके थे. 1984 में राज्य सिविल सेवा में शामिल होने के बाद से अब तक उनका 66 बार स्थानांतरण हो चुका है. दिसंबर 2014 में वे गुड़गांव के संभागीय आयुक्त थे. खट्टर सरकार के आने के बाद कासनी ने एक रिपोर्ट दी थी कि कैसे कुछ राजस्व अधिकारियों ने भूमाफिया के साथ मिल कर काम किया है. इस रिपोर्ट के मिलने के दो दिनों के भीतर ही उनका तबादला कर दिया गया. इससे पहले 2006 में कासनी जब सचिव, राज्य विद्युत नियामक आयोग बने, तब पदभार संभालने के 30 मिनट के भीतर ही उनका तबादला हो गया था. 2012 में वे सिर्फ तीन दिनों के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण के निदेशक बने.
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