नोबेल पुरस्कार विजेता और शिक्षा कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने ट्विटर पर अपनी शादी की घोषणा की है।
24 वर्षीय पाकिस्तानी मानवाधिकार एक्टिविस्ट जिसे तालिबान ने शिक्षा की हिमायत करने की वजह से गोली मार दी थी उन्होंने मंगलवार को असर मलिक और उनके परिवार के साथ अपने जश्न की तस्वीरें ट्विटर पर पोस्ट कीं।
मलाला ने लिखा, “आज का दिन मेरे जीवन का एक अनमोल दिन है। असर और मैं जीवन भर के लिए पार्टनर बनने के लिए शादी के बंधन में बंध गए। हमने अपने परिवारों के साथ बर्मिंघम में घर पर एक छोटा निकाह समारोह मनाया। कृपया हमें अपनी दुआएं भेजें। हम आगे की यात्रा के लिए एक साथ चलने के लिए उत्साहित हैं।”
2012 में तालिबान ने किया था जानलेवा हमला
लड़कियों की पढ़ाई के हक में आवाज उठाने वालीं मलाला पाकिस्तान के स्वात घाटी की रहने वाली हैं। नौ अक्टूबर 2012 को स्कूल बस में जाते हुए तालिबान ने मलाला के सिर में गोली मार दी थी। तब उनकी उम्र सिर्फ 15 साल थी। गंभीर हालत को देखते हुए मलाला को इलाज के लिए ब्रिटेन ले जाया गया। वहां सर्जरी के बाद उसकी जान बच सकी। ब्रिटेन स्थित पाकिस्तानी दूतावास में उनके पिता को नौकरी भी दी गई।
2014 में सबसे कम उम्र में जीता नोबेल
मलाला को 2014 में शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया। उनके साथ बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाले भारत के कैलाश सत्यार्थी को भी यह अवॉर्ड मिला था। मलाला यूसुफजई के नाम सबसे कम उम्र में ये अवॉर्ड पाने का रिकॉर्ड है। उस वक्त उनकी उम्र 17 साल थी।
शादी पर दिए बयान पर हुआ था विवाद
मशहूर मैगजीन वोग को दिए इंटरव्यू में मलाला ने शादी को गैरजरूरी बता दिया था। उन्होंने कहा था कि मैं नहीं समझ पा रही हूं कि लोग शादी क्यों करते हैं। अगर आपको जीवनसाथी चाहिए तो आप शादी के कागजों पर साइन क्यों करते हैं, यह केवल एक पार्टनरशिप क्यों नहीं हो सकती है? मलाला के इस बयान पर इतना विवाद हुआ कि उनके पिता जियाउद्दीन यूसुफजई को सफाई देनी पड़ी थी।