टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ दिए गए अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा सभापति ने स्वीकार नहीं किया. इन पार्टियों ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर तीन नोटिस दिए थे. लेकिन उस समय टीडीपी और एआईएडीएमके के सांसदों के हंगामे के कारण स्पीकर ने पहले 12 बजे तक के लिए लोकसभा को स्थगित किया उसके बाद पूरे दिन के लिए संसद की कार्यवाही स्थगित हो गई. हालांकि सरकार का कहना है कि हम इसपर चर्चा के लिए तैयार हैं.
संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने कहा है कि हम अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि हमारे पास पूर्ण बहुमत है. इससे पहले शुक्रवार को भी सदन नहीं चलने के कारण दोनों दलों के अविश्वास प्रस्ताव पेश नहीं हो सके थे. इस मामले में शिव सेना ने कहा है कि हम हम वेट एंड वॉच करेंगे. शिवसेना सांसद संय राउत ने कहा कि हम देखेंगे कि स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करती हैं या नामंजूर कर देती हैं. टीडीपी के अपने राज्य के मुद्दे हैं और हम उनका स्वागत करते हैं. आंकड़ों के लिहाज से देखें, तो 540 सीटों वाले लोकसभा में भाजपा नित एनडीए के पास अभी 56 दल हैं, जिनके कुल 314 सांसद हैं. स्पीकर सुमित्रा महाजन समेत भाजपा के 275 सांसद हैं. बहुमत के लिए 271 आंकड़ा चाहिए, जो भाजपा के पास है.
गौरतलब है कि पिछले चार साल में पहली बार किसी दल से मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया है. अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस टीडीपी के टी. नरसिम्हन और वाईएसआर कांग्रेस के वाई वी सुब्बा रेड्डी की तरफ से दिया गया है. इस मामले में स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा शुक्रवार को कहा था कि प्रस्ताव को सदन के समक्ष रखने के लिए वो बाध्य हैं, लेकिन इसके लिए सदन को व्यवस्थित होना चाहिए. सदन का जो माहौल है, उसमें उनके लिए प्रस्ताव का समर्थन और विरोध करने वाले सदस्यों की गिनती करना संभव नहीं है.