समाजवादी पार्टी की घबराहट अब सार्वजनिक होने लगी है. बसपा छोड़ कर अलग हुए आरके चौधरी द्वारा आयोजित सभा को इजाजत देने के सवाल को लेकर जिस तरह समाजवादी सरकार ने बालहठ दिखाया, उससे पार्टी की फजीहत ही हुई. सभा को मंजूरी नहीं देने के बाद उसे वापस लेकर फिर मंजूरी देने के फैसले से पार्टी को जितना नुकसान हुआ उतना नुकसान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आतिथ्य में सभा होने देने से नहीं होता. बहुजन समाज स्वाभिमान संघर्ष समिति के तत्वावधान में आरके चौधरी ने छत्रपति शाहू जी महाराज जयंती के मौके पर लखनऊ के बिजली पासी किला परिसर में सभा आयोजित की थी. अखिलेश सरकार ने सभा की इजाजत नहीं दी, जबकि चौधरी और उनके समर्थक वहीं पर सभा करने पर आमादा थे. आखिरकार सरकार झुकी और सभा की इजाजत देनी पड़ी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर लखनऊ आकर समाजवादियों को खूब ललकारा. नीतीश ने कहा कि लोहिया के विचार पर चलने का दावा करने वाली सपा सरकार लोहियावादी नीतीश कुमार को सभा करने से रोक देती है.
नीतीश कुमार ने बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी का हवाला देते हुए फिर अखिलेश यादव को आड़े हाथों लिया और कहा कि यूपी में शराबबंदी लागू होनी चाहिए. नीतीश ने शराबबंदी से होने वाले आर्थिक फायदे का हिसाब भी अखिलेश को सुझाया. उन्होंने कहा कि लोग जब शराब नहीं पिएंगे तो पैसा अच्छे काम में लगेगा और यूपी की अर्थवस्था अच्छी होगी. नीतीश ने बिहार में किए गए काम का जिक्र करते हुए वहां पर लागू महिला आरक्षण की भी याद दिलाई. इस तरह नीतीश ने मायावती पर भी प्रहार किया और कहा कि सिर्फ बहुजन समाज बोलने से नहीं होता, उसकी पीड़ा भी समझनी चाहिए. नीतीश कुमार ने कहा कि वह आरके चौधरी के साथ कदम से कदम मिलाकर उत्तर प्रदेश में चलने के लिए तैयार हैं.
आरके चौधरी ने भी मायावती पर जमकर निशाना साधा और उन्हें पैसों का लालची बताया. चौधरी ने कहा कि मायावती के नेतृत्व में बहुजन समाज का हित संभव नहीं है. वो पैसे के लिए टिकट बेचती हैं. आरके चौधरी ने मायावती के साथ ही बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा पर भी आरोप लगाया कि लखनऊ में सभा न हो इस षडयंत्र में मिश्र भी लगे हुए थे, लेकिन उनकी जिद थी कि वो रैली करेंगे और उन्होंने रैली करके दिखाई. चौधरी ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक महीना पहले से ही सभा की इजाजत के लिए वे अर्जी दे चुके थे, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते उन्हें इतनी मशक्कत करनी पड़ी. सभा में बिहार जनता दल (यू) के नेता उदय नारायण चौधरी और उत्तर प्रदेश जदयू के अध्यक्ष सुरेश निरंजन भइया भी शरीक थे.
चौधरी आगे निकले, मौर्य भी रैली की तैयारी में
बसपा से बगावत करके निकले आरके चौधरी रैली आयोजित कर अपनी ताकत दिखाने में स्वामी प्रसाद मौर्य से आगे निकल गए. जबकि पार्टी छोड़ कर मौर्य पहले निकले थे, चौधरी बाद में. बसपा छोड़ कर निकले बागी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य रमाबाई अंबेडकर स्टेडियम में 22 सितम्बर को जोरदार रैली आयोजित करने की तैयारी में लगे हैं. मौर्य अपनी जन-शक्ति को उसी स्थान पर जुटाना चाहते हैं जिस रैली स्थल का निर्माण मायावती ने ही कराया था.