नई दिल्ली। बिहार की राजनीति पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। नीतीश कुमार ने करप्शन के आरोपों के बाद भी उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर अब तक कार्रवाई का डंडा नहीं चलाया है। जिसे विपक्ष जमकर भुना रहा है। नीतीश के लिए ये बहुत असमनंजस भरी स्थिति है। बुधवार को ये स्थिति और भी बिगड़ सकती है क्योंकि जेडीयू और आरजेडी के विधायक अलग-अलग बैठक करने की तैयारी कर रहे हैं।
जेडीयू के एक सूत्र के अनुसार नीतीश कुमार भ्रष्टाचार मुक्त छवि को लेकर बेहद सजग हैं। तेजस्वी यादव ने करोड़ों की बेनामी संपत्ति का खुलासा नहीं किया है। इस बारे में उनकी तरफ से अब तक संतोषजनक जवाब भी नहीं आया है। ऐसे में पूरी संभावना है कि विधानसभा में बीजेपी इस मुद्दे को पूरी ताकत से उठाएगी और तेजस्वी के इस्तीफे की मांग भी करेगी। नवभारत टाइम्स की खबर के अनुसार नीतीश कुमार किसी भी हाल में भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे मंत्री का बचाव नहीं करना चाहते हैं।
जेडीयू के केसी त्यागी का कहना है कि अपने लंबे राजनीतिक करियर में नीतीश जी ने कभी इस तरह का राजनीतिक संकट कभी नहीं देखा। उनकी बेदाग छवि पर सवाल उठ रहे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अपनी छवि को बनाए रखने के लिए नीतीश पटना में बड़ा कदम उठा सकते हैं।
जेडीयू महासचिव ने साफ साफ कहा कि तेजस्वी या किसी भी सीनियर आरजेडी नेता की तरफ से अब तक आरोपों पर संतोषजनक सफाई नहीं आई है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि हम महागठबंधन को यूपीए-2 नहीं बनने देना चाहते ।