बिहार की नीतीश सरकार ने न्यायिक सेवाओं में 50 फीसदी आरक्षण का एक अहम फैसला लिया है. मंगलवार को कैबिनेट बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी. न्यायिक सेवाओं में आरक्षण का फायदा अब तक केवल जूनियर डिविजन को ही मिल रहा था, वह भी एक सीमित दायरे में. लेकिन अब इस फैसले के बाद आरक्षण का लाभ सीनियर और जूनियर दोनों डिविजन में बराबर रूप से मिलेगा. न्यायिक सेवाओं में दोनों डिविजनों को 50 फीसदी आरक्षण दिए जाने की यह मांग बहुत दिनों से उठाई जा रही थी.
इस फैसले के बाद बिहार में न्यायिक सेवा से जुड़े अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को 21 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 12 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति को 1 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा. इस सेवा से जुड़ी महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा जबकि दिव्यांगों के लिए 1 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है. बिहार सरकार ने यह फैसला हाईकोर्ट और बिहार लोक सेवा आयोग की सहमति से लिया है. सरकार चाहती है कि न्यायिक सेवा में आरक्षण से जुड़ी सभी प्रक्रियाएं 1 जनवरी 2017 तक पूरी कर ली जाए. सरकार इस कोशिश में भी है कि 30 जून 2017 तक न्यायिक सेवा में खाली पदों को भी भरने की प्रक्रिया पूरी हो जाए.