नरेंद्र मोदी के दस फीसदी सवर्ण आरक्षण के छक्के के बीच नीतीश कुमार ने देश भर में जाति आधारित जनगणना की मांग कर दी. नीतीश कुमार ने कहा कि मैं चाहता हूं कि 2021 की जनगणना जाति आधारित हो ताकि यह पता चल सके कि सही में किसकी कितनी आबादी है.
नीतीश कुमार चाहते हैं कि जाति की संख्या के आधार पर आरक्षण का प्रावधान हो. एससी एसटी के मामले में तो संख्या सामने आ जाती है पर अन्य जातीय समूह के बारे में पता नहीं चल पाता है. नीतीश कुमार ने याद दिलाया कि 1931 के बाद से जाति के आधार पर जनगणना नहीं हुई है. इसलिए जातियों के सही आंकड़े आज किसी को मालूम नहीं है. जो है वह बस अनुमान है. इसलिए बेहतर होगा कि इस बार जाति के आधार पर जनगणना हो जाए ताकि जिसकी जितनी आबादी हो उसी अनुपात में उसे आरक्षण का लाभ मिल सके.
नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव के पहले कुछ अन्य मसलों पर भी अपनी और अपनी पार्टी का पक्ष साफ किया. उन्होंने कहा कि इभीएम से ही चुनाव होने चाहिए चूंकि यह पूरी तरह सुरक्षित है. सवर्ण आरक्षण के मामले में नीतीश कुमार ने साफ किया कि बिहार में भी इसे जल्द लागू किया जाऐगा.