पंधरा साल बिहार में राज कर रहे हो ! भारत के कुल प्रवासी मजदूरों में आधे मजदूर बिहार के है ! आपने सत्ता में प्रथम बार आते ही (2005) मे बिहार के मेहनत करने वाले लोगों को बिहार में ही काम देने की घोषणा की थी ! क्या हुआ आप की घोषणा का ?
फिर आपने नरेंद्र मोदी जी की नकल करते हुए अपने आप को बिहार का विकास पुरुष बताकर संर्वागिण विकास की घोषणा की थी ! उसमे मुख्य बात भय,भ्रष्टाचार,भुक मुक्त बिहार की घोषणा कर के सडक,बिजली,दलित महिलाओ के सुरक्षा और सम्मान पूर्वक जीने की बात भी की है !
क्या छाती पर हाथ रखकर कह सकते कि बिहार में आपके 15 साल के राज में इस सबंध में क्या क्या प्रोग्रेस हुई हैं ? कितने किलो मीटर के रोड आपने अपने 15 साल के कार्यकाल के दौरान बनवाये ? कितने गावो में बिजली पहुचाई ? कोई एखादा नया अस्पताल आपके समय बना ? उल्टा जयप्रभा के नाम के अस्पताल जो जेपी एसएम जोशी जी के सपने का काम कर रहा था उसे भी आपने वेदांता ग्रुप को सौप दिया !
अब आते हैं शिक्षा क्षेत्र पर इसमे आपने केजी से लेकर पीजी तक क्या किया है ? मशरुम के जैसे तथाकथित प्रायवेट पब्लिक स्कूल की भरमार देख रहा हूँ!और गरिब गुरबा के बच्चे इस स्पर्धा में बाहर हो गये हैं ? महाराष्ट्र के प्रायवेट इन्जीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में ज्यादा बच्चे-बच्चीया बिहार से ही भरे पड़े है ! जे एन यू तथा बी एच यू और अन्य विश्वविद्यालयो में भी जो बिहार के बाहर है याने कभी विश्व के शिक्षा केंद्र रहा बिहार (नालंदा विश्वविद्यालय,राजगीर) आज अपने ही बच्चो-बच्चियों को दर दर की ठोकरे खाने के लिए मजबुर कर रहा है ? और आप अपने आप को बिहार का विकास पुरूष बता रहे हैं ! याने कि बिल्कुल नरेंद मोदी जी की नकल ?
बिहार बिमार राज्य है यह रट आप ही केंद्र सरकार के सामने लगाकर निधि बढाने की मांग क्यो करते रहते हो? अगर आपने बिहार का चौतरफा विकास कर दिया है तो यह मांग करने का मतलब ?
शायद मोदी जी की सोहबत के कारण आपको भी फेकने की बिमारी हो गई है क्योंकि आपने 15 साल पूरे हो रहे हैं लेकिन बिहार जहा पर था उससे भी पीछे आप ले गये हो! क्योंकी मजदूरों को बिहार के बाहर जाना पड़ा पिछ्ले साल सितंबर के महीने में मै आसाम यात्रा मे डिब्रुगढ,तेजपुर,शिवसागर इत्यादि जगहोपर चाय बागानों में देखा हूँ 50 % से भी ज्यादा मजदूर बिहार के थे! वही हाल 2018 को कश्मीर,पंजाब और हरियाणा में और दिल्ली तो लगता की बिहार यहाँ पर आकर बस गया हो ! एम्स के पेशन्ट से लेकर रस्तेपर सामान बेचने वाले से लेकर रिक्सा टेक्सी और देहाडी मजदुर सबके सब बिहार और भी कमाल की बात दक्षिणी भारत के सभी प्रदेशोमे केरल में कितने लोग मिले?
यह लॉकडाऊन के समय हजारो मजदूरोको मई की चिलचिलाती धुपमे 45 से भी अधिक डिग्री सेल्सियस के तपमान में ! सरपर अपना बोझा ढोकर नंगे पांव चलने के फोटो और लहु लुहान पाव ! आज भी नजर के सामने याद आये तो हमारी भुक निंद गायब हो जाती है !
अगर मोटा मोटी पूरे देश में चार करोड प्रवासी मजदूरों की संख्या है तो दो करोड़ अकेले बिहार के है ! जो कश्मीर की जनसंख्या से दुगुना हो जाता है ! 73 सालों की आजादी के बाद अगर यही आलम जारी है और आपको नैतिक रूप से सुशासन,विकास,आत्मनिर्भय बिहार की बात करते हुये शर्म नहीं आती?
बिहार में भारत की किसी भी प्रदेश से ज्यादा उपजाऊ भूमि तथा सबसे ज्यादा प्रमुख नदियाँ बहती हुई जमिन वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने संसाधनो का उचित प्रबंधन किया होता और सबसे अहम बात जमिन का बटवारे की बात जिस सोशलिस्ट पार्टी से आपकी रजनितिक शुरुआत हुई उस पार्टी की जो जोतेगा उसकी जमिन और जबरन ज्योत के आन्दोलन को भूल गए ? जेपी,लोहिया,कर्पूरी ठाकुर बोल बोलकर थक गये ! और एक आप हैं कि चुनाव में उनके नाम लेकर ही सत्ता सम्हलने का कर्म-काण्ड पूरा किया है ! लेकिन उन्होने जो बिहार के बारे में सोचा उसे आपने कहा तक लाकर छोड दिया है ?
तो मुझे विश्वास है कि संपुर्ण भारत के अन्न की समस्या अकेला बिहार पूरी करने के लिए तैयार है ! इतने संसाधन बिहार के पास है! लेकिन आपके जैसे अदूरदर्शी,सांप्रदाईक शक्तियो के हाथ के खिलौने हा खिलौना और इसकी शुरुआत आपके तथाकथित पहले समता और बाद में जे डी यू के संस्थापक जॉर्ज फर्नांडीज और आप इस पाप के भागीदार है और यही बात मैने जॉर्ज फर्नांडीज ने जब समता पार्टी के गठन के बाद मुझे महामंत्री पद की पेशकश की थी उस समय ढाई तिन घंटे से भी अधिक समय तिन मुर्ती लेन के आवास पर जिस दिन नितीश कुमार और जया जेटली को मुम्बई के महालक्ष्मी रेस कोर्स में बिजेपी के महासम्मेलन में भेजा था वही दिन की बात है !
और ईसी मुलाकात में मैने जॉर्ज साहब को साफ साफ कहा कि आप संघ परिवार की आलोचकों में से एक रहे हो दोहरी सदस्यता के मुद्दे पर आप और मधु लिमये जी ने जनता दल के विभाजन करने में एतिहासिक भुमिका निभाई थी लेकिन आज लालूप्रसाद यादव के साथ इर्ष्या के कारण आप अंधे हो गये हैं ! और संपुर्ण ऊत्तर भारत में संघ परिवार की राजनीति के लिए मदद करने के लिए समता पार्टी का गठन कर रहे हैं ! और मैं इस पार्टी का महामंत्री तो दूर अगर आप अध्यक्ष पद भी देंगे तो भी मै नहीं बनने वाला !
क्योंकि भागलपुर दंगे के बाद इस देश की राजनीति का केंद्र बिंदु सिर्फ और सिर्फ सांप्रदाईक समस्या के इर्द-गिर्द घूमेगा यह मेरा राजनैतिक भविष्य है ! और आप जिन मजदूरो के संघटन से आपके सार्वजनीक जीवन की शुरुआत की है और किसान,बेरोजगारी,भुक,भ्रष्टाचार,विस्थापन,दलित हो या आदिवासी महिलाओ के ऊपर होनेवाले अत्याचार सब सवाल सेकंडरी हो जायेंगे ! और आज वस्तुस्तिथि सामने मौजूद है ! लेकिन जॉर्ज फर्नांडीज हो या नीतिश कुमार सभी के सभी लालूप्रसाद यादव के इर्ष्या में पागल हो गये हैं और सांप्रदायिक शक्तियोके हनुमानजी वाली भुमिका किये जा रहे हैं और ईतिहास इन्हे कभी भी माफ नहीं करेगा यह मेरा गटफिल कहता है !
आप को डी एन ए की बात समझ में आनेके बाद आपने कहा था कि मै रजनितिके क्षेत्र से सन्यास ले लूंगा अगर मैने सांप्रदायीक लोगों के साथ जाने की जगह ! कहा गया आपका संकल्प?
27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस 6 कोच में गोधरा स्टेशन पर आग लगने के समय आप ही रेल मंत्रालय का काम कर रहे थे! क्या हुआ था यह सब किसि भी भारतीय राजनीति के खिलाडियों से आपको अच्छी-खासी जानकारी है !
लेकिन उसके बावजूद उस घटना का राजनैतिक लाभ लेकर अपनी राजनैतिक जमीन पक्की करने वाले आदमी के साथ दोबारा उसका साथ देने वाले आप के नाम मे भले निति शब्द है लेकिन मुझे अफसोस के साथ लिखना पड़ रहा है कि आप अनैतिकताकी हदे पार करने वाले सत्ता के मद में इतने पागल हो गये हैं कि घोर सांप्रदायिक घोर गरीबो के विरोधी और सिर्फ धन्ना शेटो के लिए भारत को बेचने वालो का साथ देने के लिए आपको थोडी-सी भी याद किशन पटनायक जिन्हे आपने अपने राजनीती के गुरू माना था! सत्तर के दशक की शुरूआत मे संसद सदस्य बननेके बाद आप भी एक थे जो उनके दिल्ली के एम पी के मकान में पडे रहते थे! तो क्या किशनजी से यही सिखा आपने ? जिस आदमीने डॉ राम मनोहर लोहिया जी केभी पहले संसद में प्रथम बार प्रवेश किया लेकिन अपने सिद्दांतो के साथ समझौता नहीं किया तो दोबारा संसद में जानेके मौके आये थे लेकिन उन्होनें समझौता नहीं किया ! क्या यही आपने अपने गुरू से सिखा ?
शायद यह बात पूरी करने के लिए विशेष रूप से बिहार के मजदुर,किसान,दलित हो या आदिवासी और सबसे बड़ी बात अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के वोट कटवा ओवेसी को पिछली बार भी बिहार के मुसलमानों ने दो प्रतिशत भी वोट नही दिये थे और अबकी बार संघ परिवार की हरकतों से वे भलीभांति परिचित हो चुके हैं मुख्य रूप से दिल्ली के फरवरी माह के दंगे को कोई भी मुसलमान भूलनेकी गलती नहीं करेगा !
फिर तथाकथित सर्वोच्च न्यायालय के राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू करनेका निर्णय और अभिका लखनऊ सीबीआई विषेश अदालत का बाबरी मस्जिद विध्वंस की केस का फैसला! लगता है कि बाबरी मस्जिद को दीमक ने धराशायी किया है !
सभी अपराधियोको बाईज्जत बरी करनेके निर्णय भारत की न्याय व्यवस्था के इतिहास में अजीबोगरीब फैसला माना जायेगा और अब कृष्ण जन्मभुमि के केस को दर्ज करने की औपचारिकता पूरी कर दी है ! तो यह अघोषित हिंदू राष्ट्र घोषणा कीये बगैर लगभग सभी निर्णय मेजोरिटीयन पुष्टिकरण के निर्णय होते देखकर लगता नहीं कि एक भी मुसलमान वोटर अपना वोट बेकार जाने देगा !
ओएसि मुस्लमान नरेंद्र मोदी है ! और यही कारण है कि नरेंद्र मोदी के लिए इस तरह के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को बार-बार बाटने वाले नेता फिर वह जिन्ना हो या बनातवाला,सुलेमान सौत,सैयद शाहबुद्दिन और अब ओएसि ये सब बहुत काम आते है ! ये एक सिक्के के दो पहलू होते हैं!और बराबर एक दूसरे को देखकर फलते फुलते है ! और अब मेरे हिसाब से भारत की सबसे रजनितिक समझ रखने वाले लोगों में कोई प्रथम क्रमांक पर है तो सिर्फ मुसलमान और अब प्रवासी मजदूरों की भी गिनती मै इन्हिमे कर रहा हूँ क्योंकि उनके पावोके छाले अभिभी सुखे नही है जो उनके दिल और दिमाग में बैठ गये हैं ! चुन चुन कर बदला लेंगे और लेना भी चाहिए क्योकी जिस बेरहमी से लॉकडाऊन की घोषणा कर दी और संपुर्ण देश के कोने-कोने से यूपी ,बिहार,ओडिसा,बंगाल,झारखंड छत्तीस गढ़ के लोगों को रस्तो पर पैदल अपना सामान सरपर लेकर चलने की शिक्षा का काम करने वाली पार्टी बी जे पी और उनके तथाकथित सहयात्री दल अत्यंत क्रुर इंसानियत के दुश्मन बन गये हैं ! और उन्हें सबक सिखाने के लिए चुनाव से अच्छा मौका कोई दूसरा नहीं है और बिहार इस बात की प्रथम प्रयोग शाला है और यही कारण है कि आज बिजेपि,जेडेयू अपना आत्म विश्वास खोकर विरोधी दलों के लोगों के व्यक्तिगत जीवन पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है !
यहा तक की उनकी शैक्षणिक योग्यता पुछ रहे हैं ? अरे भाई पहले नरेंद्र मोदी,स्म्रति ईरानीके प्रमाण पत्र हाजिर करो! और भी कई लोग है उनकी शैक्षणिक योग्यता के एक भी प्रमाण पत्र सचमुच के ! कॉम्प्युटर पर दूनियाका कोई भी प्रमाण पत्र तैयार किया जाता है ! वह बात दीगर है!
वैसे देखा जाये तो डिग्री वाले लोगों ने कौनसा देश का कल्याण किया है ? आचार्य विनोबा भावे जी की कौनसी डिग्री थी ? उसी तरह तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और बादमे कोंग्रसके अखिल भारतीय अध्यक्ष कामराज नाडार हमारे महाराष्ट्र के वसंत दादा पाटील महराष्ट्र के अस्सी के दशक में मुख्यमंत्री पद पर रहे अबतक जितने भी मुख्यमंत्री हुये है उनमे सबसे कम पढे लिखे थे! लेकिन आज भी उनके कार्य प्रणाली का उदहारण दिया जाता है की उन्होने कितने सक्षमता से राज्य कीया था ?
डॉ सुरेश खैरनार 21अक्तूबर 2020,नागपुर