नई दिल्ली,चौथी दुनिया ब्यूरो: परंपरा के उलट इस साल का बजट फरवरी के अंत के बदले फरवरी 1 को ही पेश किया जाएगा. इसे ध्यान में रखते हुए नीति आयोग और अर्थशास्त्रियों के एबैठकों का दौर शुरु हो गया है. इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री ने मंगलवार को नीति आयोग द्वारा बुलाई गई अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक में हिस्सा लिया. बैठक में अर्थशास्त्रियों ने कई आर्थिक बिंदुओं मसलन कृषि, कौशल विकास और रोजगार सृजन, टैक्स और शुल्क संबंधी मामले, शिक्षा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, आवास, पर्यटन, बैंकिंग आदि पर अपनी राय दी.
इस बैठक में 2022 तक कृषि आय को दोगुना करने पर सुझाव दिया गया. नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने बताया कि विशेषज्ञों ने पीएम मोदी को बताया कि भारत को टूरिज्म में अधिक निवेश करने की जरूरत है. बजट संबंधी मुद्दों पर चर्चा हुई कि कैसे टैक्स की दर को कम किया जाए. कॉरपोरेट और इनकम टैक्स में कमी करने को कहा गया है.
हालांकि, इस बैठक में नोटबन्दी को ले कर कोई बातचीत नहीं हुई. नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने नोटबंदी के सवाल को टाल दिया. जाहिर है, आने वाले वित्तीय वर्ष में नोटबन्दी के फैसले का भी असर पडने वाला है, इसलिए कोई भी इस पर पहले से ही अपनी राय देने से कतरा रहा है.