शुक्रवार का पूरा दिन लोकसभा में राफेल डील के नाम रहा. राफेल डील मामले पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में राफेल डील पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए करीब 2 घंटे भाषण दिया. निर्मला ने कहा, ‘‘यूपीए सरकार ने जब डील की थी, तब 18 विमान तैयार हालत में मिलने थे. बाकी 108 विमान 11 साल की अवधि में बनाए जाने थे. 2006 के बाद 2014 तक आप 18 जहाज भी हासिल नहीं कर सके? हमने डील में फ्लाईअवे विमानों की संख्या कम नहीं की. इसकी संख्या 18 से बढ़ाकर 36 की. हमें इस साल सितंबर में पहला और 2022 तक आखिरी राफेल मिल जाएगा. यूपीए के वक्त एक बेसिक राफेल की कीमत 737 करोड़ थी. हमें यह 9% कम रेट पर 670 करोड़ रुपए में मिलेगा. सेब की तुलना संतरे से ना करें. यूपीए पर निशाना साधते हुए कहा कि आपकी कभी जहाज खरीदने की मंशा ही नहीं थी’’ उन्होंने आगे कहा कि बोफोर्स ने कांग्रेस को डुबो दिया था और राफेल मोदी सरकार को सत्ता वापस दिलाएगा.
वहीं निर्मला सीतारमण के जवाब पर संसद में राहुल ने कहा- जब सही दाम में 126 एयरक्राफ्ट मिल रहे थे, तब आपने केवल 36 ही क्यों खरीदे. आपने 2 घंटे जवाब दिया, लेकिन अनिल अंबानी पर नहीं बोलीं. यह नहीं बताया कि उन्हें कॉन्ट्रैक्ट किसने दिया?
निर्मला ने सवाल उठाया कि, आपने अगस्ता-वेस्टलैंड का ऑर्डर एचएएल को क्यों नहीं दिया? इसलिए क्योंकि एचएएल आपको कुछ और दे नहीं सकती थी? आपने यह जानते हुए भी राफेल डील को अटका दिया कि वायुसेना परेशानी झेल रही है. यहां रक्षा सौदे और सुरक्षा के लिए हुए सौदे में अंतर है. हम कोई रक्षा सौदा नहीं कर रहे हैं. यह सुरक्षा के लिए की गई डील है, क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. मैं यहां तथ्य रख रही हूं. मैं आरोप लगाती हूं कि इनकी मंशा जहाज खरीदने की थी ही नहीं. राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में होने के बावजूद इन्होंने इस डील को अटकाया. निर्मला ने राहुल से कहा- आपमें से कोई तो देश को गुमराह कर रहा है क्योंकि राफेल पर पूरा अभियान पूरी तरह से झूठ और गैरजिम्मेदार आरोपों पर आधारित था. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा था कि हम किसी राष्ट्र प्रमुख के साथ डिफेंस डील पर बात नहीं करेंगे, क्योंकि यह भारत का अंदरूनी मसला है.
‘‘28 जुलाई को संसद में राहुल गांधी जी ने कहा- मैंने फ्रांस के राष्ट्रपति से गुप्त समझौते के बारे में बात की थी. यानी कांग्रेस प्रवक्ता कुछ और कह रहे हैं और कांग्रेस अध्यक्ष अलग बात कर रहे हैं. दोनों में से कोई एक देश को भ्रमित कर रहा है.’’
‘‘मैं और उदाहरण देती हूं- एक वरिष्ठ संसद सदस्य ने वायुसेना प्रमुख को झूठा कहा. किसी चीज की हद होती है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के बारे में भी बहुत कुछ कहा. बस ये कहने से रह गए कि सुप्रीम कोर्ट ने सब गलत किया. एक वरिष्ठ नेता पाकिस्तान गए और कह रहे हैं कि मोदी सरकार को हटाने के लिए हमें मदद कीजिए.’’
‘‘29 जनवरी में जनआक्रोश रैली में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- यूपीए के समय एक राफेल 700 करोड़ रुपए का मिल रहा था. 28 जुलाई को संसद में यह कीमत 520 करोड़ रुपए बताई. 11 अगस्त को एक रैली में 514 करोड़ रुपए कहा. हैदराबाद में 526 करोड़ रुपए बताया. क्या इन्हें पता है कि ये किस बारे में बात कर रहे हैं?’’
इधर राहुल गांधी ने कहा कि , “मुझे आश्चर्य हुआ कि जो पैसा हिंदुस्तान की जनता का है उसके बारे में हिंदुस्तान की जनता को ही नहीं बताया जा रहा. मैं मिस्टर पर्रिकर पर आरोप नहीं लगा रहा हूं. मैं प्रधानमंत्री मोदीजी पर आरोप लगा रहा हूं, क्योंकि वे सीधे इसमें शामिल हैं. आपने नहीं बताया कि अनिल अंबानी को कॉन्ट्रैक्ट देने का फैसला किसने लिया? फ्रांसुआ ऑलेंद ने कहा कि यह फैसला प्रधानमंत्री जी ने किया. हमने सवाल किया, लेकिन आपने इसका जवाब नहीं दिया. जब आपको सही दाम पर 126 एयरक्राफ्ट मिल रहे थे तो आपने 36 क्यों खरीदे. 126 ही क्यों नहीं खरीदे?”