रात, जब शाम को आती है,
उसे हर लम्हा सुबह से डर सा लगता है।

 
रात, एक और आगे बढ़ती रहती है,
उसे हर वक्त खत्म होने का खौफ सताता हैं।

 
रात सारे संसार को सुलाती है,
रात हर शख्स को अपना सपना दिखती है।

 
रात किसी को बहुत डराती है,
और किसी के लिए सुकून लेकर आती है।

 
रात किसी की सांसे तेज और धड़कन बढ़ाती है।,
रात सांसे लंबी और उम्र घटने का एहसास भी दिलाती है।

 
रात कई वादों और इरादों को जन्म देती है,
रात कई जिंदगीयों की उम्मीदों को विराम लगाती है।

 
रात कुछ लंबे पलों के आराम लेकर आती है,
रात कभी कौतुहल के साथ एक पल में गुजर जाती है।

 
रात एक झटके में किसी की रोजी छीन लेता है,
रात किसी के रोजी रोटी का एक माध्यम बन जाती है.

 
रात किसी के नए रोजगार के पेगाम का इंतजार है,
रात किसी का सब कुछ मिटा कर, गरीब तक बना देती है।

 
रात कहीं किसी नए जीवन का इंतजार होती है,
तो कहीं रात, हर पल के साथ किसी की डूबती उम्मीद होती है।

 
रात जीवन का वो हिस्सा है जो किसी को याद नहीं रहती,
रात के बिना जीवन कभी यादगार नहीं हो सकती।

कवि जी वेंकटेश

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