सभी सरकारी योजनाओं में आधार लिंक करने पर काम चल रहा हैं. वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोड़ने की योजना सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी है. बता दें कि केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंसों को आधार नंबर से जोड़ा जायेगा.
जी हां, इसके लिए सरकार NIC सारथी 4 नाम का सिस्टम तैयार कर रही है. जिसकी मदद से देश भर के ड्राइविंग लाइसेंस धारकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा. इसके तहत सभी लाइसेंस आधार से लिंक होंगे और फ़र्ज़ी लाइसेंस की समस्या भी खत्म हो जाएगी. यह साफ्टवेयर सही समय के आधार पर सारे राज्यों को अपने दायरे में लेगा। इसके बाद किसी के लिए भी डुप्लीकेट या फर्जी लाइसेंस देश के किसी भी हिस्से से लेना संभव नहीं होगा.
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इस सिस्टम के आने के बाद ड्राइवर की तरफ से किए गए ट्रैफिक उल्लंघन का भी पूरा ब्यौरा केंद्रीय रिकॉर्ड में होगा. इसके लिए लाइसेंस को पंच करना ज़रूरी नहीं होगा. सड़क सुरक्षा से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि देश में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौत में कमी आई है. 2016 के मुकाबले 2017 में मौत का आंकड़ा 3 फीसदी घटा है. कोर्ट ने इस पर संतोष जताया. अब इस मामले की अगली सुनवाई अप्रैल के पहले हफ्ते में होगी.