दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) को लेकर खबर आ रही है कि बिना अनुमति मेट्रो स्टेशनों पर भूजल दोहन कर रही है. ऐसे में बिना अनुमति भूजल दोहन करने के लिए एनजीटी ने डीएमआरसी को मेट्रो चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इस मामले की जल्द से जल्द जानकारी ना दी गई तो मेट्रो की सेवाएं रोक दी जाएंगी.
दरअसल डीएमआरसी बिना अनुमति के अपने अलग-अलग स्टेशनों पर 276 बोरवेल का इस्तेमाल कर रही है. अगर डीएमआरसी ने इन सवालों का जवाब नहीं दिया तो एनजीटी कोर्ट दिल्ली में मेट्रो रेल सेवा को रोकने का आदेश दे सकती है. जी हां, एक याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने डीएमआरसी को चेतावनी जारी की है. इस मामले की सुनवाई जस्टिस स्वतंत्र कुमार कर रहे हैं.
याची एडवोकेट कुश कालरा का आरोप है कि डीएमआरसी ने बिना किसी अनुमति के 276 बोरवेल लगाए हैं. इस पानी का इस्तेमाल डीएमआरसी अपनी ट्रेनें धोने के लिए कर रही है. वो भी ऐसे वक्त जब दिल्ली भूजल की समस्या से परेशान है.
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बता दें कि इस मामले पर कोर्ट ने डीएमआरसी और दिल्ली जल बोर्ड को आदेश दिया है कि वह बैठक कर तय करें कि डीएमआरसी के कितने स्टेशन भूजल का दोहन कर रहे हैं. जबकि दूसरी ओर हाल ही में दिल्ली जल बोर्ड ने कोर्ट में हलफनामा दिया था कि डीएमआरसी ने बारेवेल लगाने के लिए उसकी अनुमति नहीं ली है.
जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन भूजल दोहन मामले की सुनवाई एनजीटी कोर्ट में अब 17 नवबंर को करेगी.